खूबसूरत बाल हर किसी की चाहत होती है। स्मूथ, लंबे और शाइनी बालों के लिए लोग तमाम तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, जिनमें तरह-तरह के शैंपू भी शामिल हैं। अब खबर आई है कि नामी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के कई शैंपू ब्रांड में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल पाए गए हैं। कंपनी ने अमेरिकी मार्केट से डव (Dove), ट्रेसमे (Tresemme), नेक्सस, सुवे जैसे शैंपू ब्रांड को वापस मंगाया है। ज्यादातर ड्राई शैंपू हैं।

कंपनी ने UnileverRecall.com नाम की एक वेबसाइट भी शुरू की है, जहां लोग प्रोडक्ट वापस करने और अपना पैसा वापस लेने का आवेदन कर सकते हैं।

ड्राई शैंपू क्‍या है ?

ड्राई शैंपू मतलब सूखा शैंपू । यह पाउडर फॉर्म में होता है और इसे बालों पर स्प्रे किया जाता है। ये बालों को शैंपू की तरह ही क्लीन करता है। ड्राई शैंपू यूज करने के बाद बालों को पानी से धोना नहीं पड़ता। दावा किया जाता है इस शैंपू का इस्तेमाल करने से बालों का चिपचिपापन दूर हो जाता है और बाल हेल्दी और घने दिखते हैं। तमाम लोग हर दिन बालों को वॉश करने के झंझट से बचने के लिए ड्राई शैंपू का इस्तेमाल करते हैं।

ड्राई शैंपू कैसे कैंसर का कारण बनता है:

अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक इन शैंपू में बेंजीन नाम का केमिकल मिला है, जो कैंसर का कारण माना है। जब इस शैंपू को बालों पर स्प्रे किया जाता है तो इसमें मौजूद बेंजीन के कण नाक और मुंह के जरिए बॉडी में चले जाते हैं जो ल्यूकेमिया और ब्लड कैंसर का कारण बन सकते हैं।

गर्भाशय कैंसर का मामला भी आया:

ड्राई शैंपू को लेकर जारी विवाद के बीच अमेरिका में एक महिला ने दावा किया है कि उसे गर्भाशय का कैंसर है। वो कुछ सालों से इसी कंपनी के हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रही थीं। महिला का दावा है कि उसे यूट्रस कैंसर इन्हीं प्रोडक्ट से हुआ। फिलहाल इस दावे की जांच की जा रही है। महिला ने मुकदमा भी दायर किया है। इससे एक दिन पहले ही नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में हेयर प्रोडक्ट में मौजूद केमिकल और कैंसर के बीच लिंक की बात कही गई।