ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डाइट जितनी मायने रखती है उतना ही खाने का समय भी मायने रखता है। हम क्या खाते हैं,कब और कैसे खाते हैं ये सब बातें ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में जरूरी है। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग सुबह 9 बजे के बाद नाश्ता करते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा उन लोगों की तुलना में 59 प्रतिशत बढ़ जाता है जो सुबह 8 बजे से पहले नाश्ता करते हैं। इस अध्ययन का निष्कर्ष 1 लाख लोगों के ब्लड शुगर पर करीबी ध्यान रखने के बाद निकाला गया है, लेकिन इस अध्ययन का निष्कर्ष भारतीय लोगों पर सटीक बैठे, यह जरूरी नहीं है। इसके कई कारण है। डॉ. वी. मोहन कहते हैं कि यह अध्ययन बहुत ज्यादा व्यावहारिक नहीं है, इसके लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है।

डॉ. मोहन डायबिटीज़ स्पेशलिटीज़ सेंटर,चेन्नई के चेयरमैन डॉ.वी.मोहन ने बताया कि जब हम रात में सोते हैं तो धीरे-धीरे ब्लड शुगर का लेवल कम होता है और 4 बजे सुबह के आसपास यह अपने न्यूनतम स्तर पर आ जाता है। इसके बाद यह फिर से बढ़ने लगता है। चाहे आप सोए हो या नहीं सोए हो या आप खाए हुए हैं या नहीं खाए हो। इसके बाद कॉर्टिसोल हार्मोन का भी बढ़ना शुरू हो जाता है। यह बात ध्यान देने की है कि कॉर्टिसोल हार्मोन ही ब्लड शुगर को रिलीज करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। इतना ही नहीं कॉर्टिसोल हार्मोन ही यह तय करता है कि आपके शरीर में मेटाबोलिज्म के लिए फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रैट का किस तरह इस्तेमाल करना है।

सुबह में 9 बजे के बाद नाश्ता करना कैसे शुगर को बढ़ाता है

इस प्रकार यह हार्मोन सुबह 4 बजे से लेकर 9 बजे के बीच में अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसी अवधि के बीच कॉर्टिसोल लिवर को ग्लूकोज उत्पादन करने का संकेत देता है ताकि दिन भर आप एनर्जी से लबरेज रहे। लेकिन यह स्थिति डायबिटीज मरीजों के लिए मुसीबत बनकर सामने आती है क्योंकि जब कॉर्टिसोल ग्लूकोज के उत्पादन का संकेत देता है तो डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ तो जाता है लेकिन इंसुलिन रेजिस्टेंस होने के कारण यह एनर्जी में बदल नहीं पाता है। जब आप 9 बजे के पहले नाश्ता कर लेते हैं तो भोजन से बहुत जल्दी ग्लूकोज बनना शुरू हो जाएगा जो पहले से बढ़े हुए ब्लड शुगर को और अधिक बढ़ा देगा। इसलिए डॉक्टर सुबह में उठते ही नाश्ता करने से मना करते हैं।

डायबिटीज मरीजों को क्या खाना चाहिए

डॉ. वी. मोहन ने बताया कि हालांकि डायबेटिक मरीज के लिए सुबह में नाश्ता करना जरूरी है। हमेशा आप अपने नाश्ता में प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करे, साथ ही कार्बोहाइड्रैट की मात्रा कम करें। कर्ब्स की जगह आप फाइबर से भरपूर फूड का सेवन करें। हमेशा डाइट में संतुलन बनाकर भोजन करें। किसी भी चीज का भार ज्यादा न पड़े। जब आप भोजन में किसी एक चीज को कम करेंगे तो दूसरे के लिए आप रास्ता दे देंगे। इसलिए हमेशा भोजन में संतुलन रखें। भारत के संदर्भ में देखें तो अंडे से बना ऑमलेट या बेसन की रोटियां नेचुरली कार्बोहाइड्रेट के स्तर को कम कर प्रोटीन को बढ़ा देती है।

यह पचने में देर करता है जिसके कारण शुगर भी बहुत कम रिलीज होता है। यह ऐसा फूड है जो बहुत देर तक भूख के एहसास को होने नहीं देता। इसी तरह यदि आप अपने भोजन में प्रोटीन और फाइबर का संतुलन बढ़िया से रखेंगे तो शुगर अचानक कभी नहीं बढ़ेगी और जल्दी आपको भूख भी नहीं लगेगी। इस तरह नाश्ते के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल कम रहेगा तो लंच के बाद भी शुगर नहीं बढ़ेगी। इसलिए नाश्ते को कभी भी न छोड़ें।

कब-कब खाना खाएं

डॉ. वी. मोहन कहते हैं कि भारत में भोजन करने के जो परंपरागत तरीका था, वह सबसे बेहतर था। हालांकि आज कल भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के खाने का तरीका बदल गया है और लोग देर रात भोजन करने लगे हैं जो गलत है। मेरा मानना है कि चाहे आप वर्क प्लेस में ही क्यों न हो भोजन सही समय पर करें। यहां तक कि आजकल वेस्टर्न सोसाइटी में भी 6 से 7 बजे रात तक लोग डिनर कर लेते हैं। इससे दूसरे दिन प्रोडक्टिविटी बनी रहेगी। रात में जल्दी भोजन और जल्दी सोने से मेटाबोलिक बीमारियों का जोखिम एकदम कम हो जाएगा। डायबिटीज मरीजों को खाने के इस समय का पालन जरूर करना चाहिए। उनके लिए बेहतर है कि सूर्य़ोदय और सूर्यास्त के बीच अपना भोजन का समय निर्धारित कर लें और नियमित एक्सरसाइज करें।