डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित लोगों को को किडनी की बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अधिक वजन वाले व्यक्तियों में बढ़ी हुई बीएमआई के चलते किडनी को सामान्य से कहीं ज्यादा फिल्टरिंग करनी होती है, जिसे हाइपर फिल्ट्रेशन कहा जाता है। वहीं डायबिटीज के मरीजों को भी किडनी की बीमारी का काफी ज्यादा खतरा है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज है, उन्हें अपनी किडनी का टेस्ट जरूर कराना चाहिए। किडनी से जुड़े लक्षणों को नजरअंदाज करने पर काफी गंभीर दिक्कत हो सकती है।
क्यों होती है किडनी की बीमारी? किडनी से जुड़ी बीमारी के कई कारण हैं जिसमें सबसे बड़ी वजह अधिक वजन है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने, गलत खानपान और लाइफस्टाइल और अनियंत्रित बीपी के चलते भी किडनी पर असर पड़ता है।
ये 5 लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान:
- बार-बार पेशाब आना
- पैरों के पास सूजन-दर्द
- यूरिन के रंग में बदलाव
- यूरिन पास करते समय दर्द
- भूख कम लगना और पेट के निचले हिस्से में दर्द
डायबिटीज के मरीज ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए इन खास उपायों को अपनाएं।
वजन को कंट्रोल करें: डायबिटीज के मरीज शुगर को कंट्रोल करने के लिए वजन को कम करें। मोटापा डायबिटीज की प्रमुख वजहों में से एक है। ऐसे में वजन पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है।
रेगुलर एक्सरसाइज करें: डायबिटीज के मरीज शुगर को कंट्रोल करने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें। डायबिटीज की बीमारी में बॉडी को एक्टिव रखना जरूरी है।एक्सरसाइज इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
डाइट में करें ये खास बदलाव: डायबिटीज के मरीज अपनी डाइट में खास बदलाव करें। अपनी डाइट में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स को शामिल करें ताकि ब्लड में ग्लूकोज का स्तर कंट्रोल रहे।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव: डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए शुगर के मरीजों को चाहिए कि वो अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें। खान-पान और लाइफ स्टाइल में बदलाव करके इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
शुगर को लगातार चेक करें: डायबिटीज के मरीज ब्लड में शुगर का स्तर जानने के लिए लगातार शुगर चेक करें ताकि शुगर के बढ़े हुए स्तर का पता लगाया जा सके।