Delhi Election/Chunav Results 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (AAP) बाजी मारती दिख रही है। अब तक के रुझानों के मुताबिक ‘आप’ का पलड़ा भारी दिख रहा है। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम की गद्दी संभालने से सिर्फ चंद कदम दूर खड़े दिखाई दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को भी दिया जा रहा है। आपको बता दें कि केजरीवाल ने इस बार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की सेवाएं ली थीं।

रणनीति बनाई और जमीन पर उतारा: प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की संस्था Indian Political Action Committee (आई पैक) ने पूरी स्टडी के बाद न सिर्फ केजरीवाल के लिए धारदार स्ट्रैटजी तैयार की, बल्कि इसको जमीन पर उतारा भी। हर बूथ पर काम किया और बूथवार रणनीति बनाई। अब रुझानों में प्रशांत किशोर की इस रणनीति का सकारात्मक नतीजा भी साफ देखने को मिल रहा है और अरविंद केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली (Delhi) का मुख्यमंत्री बनने की दहलीज पर खड़े हैं।

कौन हैं प्रशांत किशोर?: पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले प्रशांत किशोर मूल रूप से बिहार के सासाराम में कोनार गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म साल 1977 में हुआ था। प्रशांत किशोर के पिता डॉ. श्रीकांत पांडे पेशे से चिकित्सक रहे हैं और मां इंदिरा पांडे हाउस वाइफ हैं। प्रशांत किशोर के अलावा परिवार में बड़े भाई अजय किशोर और दो बहनें भी हैं। प्रशांत किशोर की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बिहार में ही हुई है। जबकि इंजीनियरिंग हैदराबाद से की है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रशांत किशोर UN के साथ जुड़े और यहां उन्होंने यूनिसेफ (UNICEF) के साथ काम किया।

पत्नी हैं डॉक्टर: यूएन में काम करने के दौरान ही गुजरात में चल रहीं कुछ परियोजनाओं को लेकर प्रशांत किशोर ने तत्कालीन राज्य सरकार को पत्र लिखा था। तब राज्य के सीएम नरेंद्र मोदी थे। बाद में साल 2011 में प्रशांत किशोर स्वदेश लौट आए और ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ से जुड़े और यहीं उनकी गुजरात के तत्कालीन सीएम रहे नरेंद्र मोदी से करीबी बढ़ी। ‘राजस्थान पत्रिका’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर की पत्नी जान्हवी दास पेशे से डॉक्टर हैं। उनका एक बेटा भी।

‘द लल्लनटॉप’ से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा है कि, ‘मैं कह सकता हूं कि लोगों की खूबी ढूंढने की सीख मुझे मेरे पिता से मिली है। मैं किसी से मिलता हूं तो उसकी जाति, धर्म आदि नहीं देखता हूं, उसकी खूबी देखता हूं’। प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ तो काम कर ही चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने जगन रेड्डी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी जैसे नेताओं के साथ भी काम किया है।

क्या है सफलता का राज?: प्रशांत की पसंदीदा किताब है Nehru and Bose: Parallel Lives: राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में प्रशांत किशोर ने अपनी पहचान यूं ही नहीं बनाई है। इसके पीछे कड़ी मेहनत है। प्रशांत किशोर के मुताबिक जब भी खाली समय मिलता है, वे किताबें जरूर पढ़ते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि रूद्रांग्शू मुखर्जी की किताब ‘नेहरू एंड बोस: पैरलल लाइफ्स’ (Nehru and Bose: Parallel Lives) उनकी पसंदीदा किताबों में से एक है। इसके अलावा ‘विजडम ऑफ क्राउड’ और महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ’ भी उन्हें पसंद है।

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