Children’s Day 2023: History, importance, and significance: बाल दिवस वार्षिक सेलिब्रेशन है जो हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल 14 नवंबर मंगलवार को है जब गोवर्धन पूजा भी है। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे, बच्चे भी नेहरू जी को चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बच्चों से चाचा नेहरू के प्यार को देखकर ही 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। 27 मई 2023 को पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया,उसी साल संसद में सर्वसम्मति से 14 नवंबर के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई, तभी से इस दिन को मनाया जा रहा है।

बाल दिवस 14 नवंबर को क्यों मनाया जाता है?

पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बेहद प्यार था। देश आजाद होने के बाद पंडित जी ने बच्चों और युवाओं के अधिकारों और शिक्षा के लिए काम किया। बच्चों के साथ चाचा नेहरू के प्यार और बच्चों का चाचा के प्रति स्नेह और प्रेम को देखकर ही 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जवाहर लाल नेहरू का बच्चों की शिक्षा में योगदान

जवाहर लाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने बच्चों की पढ़ाई,उनके स्वास्थ्य को लेकर बेहद योगदान दिया। शिक्षा के क्षेत्र में उन्‍होंने देश को बेहतरीन शैक्षिक संस्‍थान जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी। जवाहरलाल नेहरू बच्चों की शिक्षा को लेकर हमेशा जागरूकता फैलाते रहे।

चिलड्रेन डे का महत्व और इतिहास

प्रधान मंत्री के रूप में नेहरू जी देश में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते थे जिसमें बच्चों और उनके कल्याण पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने 1955 में चिल्ड्रेन्स फिल्म सोसाइटी इंडिया की भी स्थापना की थी ताकि भारतीय बच्चे अपना प्रतिनिधित्व देख सकें। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस की तारीख के रूप में चुना गया।

जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि ये बच्चे ही हमारे भारत का निर्माण करेंगे। बच्चें हमारे देश का भविष्य है इसलिए उनकी शिक्षा और कल्याण पर जोर देना हम सब का कर्तव्य है। हम जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही बेहतर होगा।