उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक रैली को संबोधित करते हुए साफ कर दिया था कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री योगी ही बनेंगे। यूपी के सियासी घमासान के बीच योगी आदित्यनाथ का ‘इंडिया टीवी’ के साथ एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें उनसे जीवन के शुरुआती दिनों के बारे में सवाल पूछा जाता है, जिसका वह खुलकर जवाब भी देते हैं।

योगी आदित्यनाथ से वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा सवाल करते हैं, ‘आप 22 साल की उम्र में अचानक घर से गायब हो गए थे। परिवार, साथियों को छोड़कर अचानक चले गए।’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मेरे लिए वो समय बहुत कठिन था। मैंने कॉलेज के दिनों में ABVP और आरएसएस के समर्पण के भाव को देखा तो मैंने भी इस दिशा में काम करने का फैसला किया था। मेरा उस दौरान महंत अवैद्यनाथ जी से संपर्क हुआ था। जब राम जन्मभूमि आंदोलन आगे बढ़ा तो मुझे लगा कि मुझे भी आगे बढ़ जाना चाहिए।’

सीएम योगी ने आगे बताया था, ‘मेरे गुरुजी ने मुझे शिष्य के रूप में स्वीकार किया। मैं एक छोटे परिवार से बड़े परिवार की तरफ गया था। पूरे राष्ट्र और समाज के बारे में सोचना ही हिंदुत्व की सोच है। मेरे पिता को इस बारे में जानकारी नहीं थी। दरअसल मैं किसी को बताकर नहीं गया था। समाचार पत्रों में निकला होगा तो उन्हें कहीं से जानकारी मिली। मैं मंदिर में सफाई के कार्य को देख रहा था तो मैं इस प्रकार कैसे उनके सामने जाता? थोड़ा संकोच हुआ, लेकिन जब उन्होंने मुझे देखा तो उनकी आंखों से आंसू आ गए। मैंने गुरुदेव को इसकी सूचना दी।’

पिता को समझाया: पिता से बातीचत का किस्सा सुनाते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘उस समय मेरे गुरुदेव मंदिर में नहीं थे। अब उन्हें लगा कि कहीं मैं वापस न चला जाऊं। उन्होंने मुझे पूछा कि तुम क्या चाहते हो। मैंने उन्हें बताया कि जो भी मैंने एक बार सोच लिया, वही करूंगा। गुरुदेव ने मेरे पिता को समझाया कि व्यक्ति के जीवन में एक उद्देश्य होता और इसके बाद उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया।’

ओवैसी साहब और आप संन्यास ले लें? एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से कहा गया था, ‘आपकी और ओवैसी साहब की राजनीति नफरत पर आधारित है। क्या आपको नहीं लगता अगर आप और ओवैसी साहब राजनीति से संन्यास ले लेंगे तो देश के हालात ठीक हो जाएंगे?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘आप एक अच्छे उपदेशक बन सकते हैं। यही बात अगर आप कश्मीर में जाकर कहते तो बहुत अच्छा होता। हम लोग आपको कश्मीर भेजना भी चाहेंगे।’