उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर चर्चा में हैं। चुनावों में बीएसपी सुप्रीमो मायावती और चंद्रशेखर आजाद आमने-सामने नज़र आ रहे हैं। हाल ही में भीम आर्मी छोड़कर कुछ नेताओं ने बीएसपी का हाथ थामा था और इसे मायावती ने उनकी ‘घर वापसी’ बताया था। इसके साथ मायावती ने साफ कर दिया था कि इस बार उनकी पार्टी युवाओं पर ज्यादा जोर देगी और टिकट वितरण में भी ये नज़र आएगा। जबकि इससे पहले चंद्रशेखर चुनाव प्रचार के दौरान रणनीति के तहत खुद को युवाओं के चेहरे के रूप में पेश कर रहे थे।

चंद्रशेखर आजाद का ‘द लल्लनटॉप’ के साथ एक पुराना इंटरव्यू भी सामने आया है, जिसमें उनसे मायावती को लेकर सवाल पूछा जाता है। भीम आर्मी चीफ से सवाल किया गया था, ‘क्या आपकी मायावती से कभी मुलाकात हुई है? वो तो आपको बीजेपी का एजेंट बताती हैं। राजनीति में क्या आप उनका विकल्प बनना पसंद करेंगे?’ इस सवाल का जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा था, ‘मैं देश में बहुजनों को सत्ता में स्थापित करने का काम करूंगा। मैं किसी के खिलाफ बिल्कुल काम नहीं करूंगा।’

चंद्रशेखर आगे कहते हैं, ‘मायावती जी मेरी बुआ जी लगती हैं और वो मुझे बीजेपी का एजेंट कहती हैं। इससे पहले वो मुझे कांग्रेस का एजेंट बताती थीं। दरअसल वो सही निर्णय ही नहीं ले पा रही हैं। कभी वो बीजेपी का एजेंट बताती हैं तो कभी कांग्रेस का एजेंट बताती हैं, मैं बहुजनों का एजेंट हूं। जब तक बाबा साहेब और कांशीराम का सपना पूरा नहीं करूंगा तब तक चुप नहीं बैठूंगा। मगर सवाल ये है कि मेरा न कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ और न ही बीजेपी के साथ कोई गठबंधन हुआ। मैंने कभी इन दोनों पार्टियों के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई।’

आरक्षण क्यों चाहिए? एक अन्य इंटरव्यू में चंद्रशेखर आजाद से पूछा गया था, ‘आपके पास स्कॉर्पियो है और एक बड़ा घर है तो आपको आरक्षण क्यों चाहिए?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘असली सवाल आज भी दलितों के लिए सामाजिक भागीदारी है। हमारे कितने लोग आज देश के शीर्ष पदों पर बैठे हुए हैं? जब तक हमारे समाज के लोग ऊंचें पदों तक पहुंचेंगे तो हमारे बारे में सोचेगा कौन? अभी तक तो ऐसे लोग हैं जो पानी पीकर आरक्षण को गाली देते हैं। आप ऐसे लोगों से उम्मीद भी कैसे कर पाएंगे कि वो आपके बारे में कुछ भला सोचेंगे?’