बीपी (ब्लड प्रेशर) का बढ़ना और कम होना दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। खासकर हाई ब्लड प्रेशर की बात करें तो इसके लिए अनियंत्रित लाइफस्टाइल और खान-पान भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। बीपी का संबंध हृदय रोगों से भी है। अगर बीपी कंट्रोल में न रहे तो हार्ट को खतरा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर120/80 होता है। इससे ज्यादा हो तो उस स्थिति को हाइपरटेंशन कहते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार पूरी दुनिया में एक अरब से भी ज्यादा लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इस बीमारी को कंट्रोल नहीं किया जाए तो किडनी और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ सकता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक कई योग इतने असरदार हैं कि अगर उन्हें रेगुलर किया जाए तो ब्लड प्रेशर की की समस्या को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि ब्लड प्रेशर की बीमारी की वजह क्या है और योग से उसे कैसे खत्म कर सकते हैं…
ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण: ब्लड प्रेशर बढ़ने के कई कारण हैं। जैसे- तनाव, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, पानी कम पीना, किडनी में सिस्ट होना, पसीना कम आना, कोलोस्ट्रॉल का बढ़ जाना, पहले से ही हार्ट की परेशानी होना। शुगर और अर्थराइटिस की वजह से भी ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, थकान और खराब डाइट भी बीपी बढ़ने का कारण है। शारीरिक रूप से असक्रिय होना, धूम्रपान या शराब के अधिक सेवन से भी बीपी बढ़ने लगता है।
अनुलोम विलोम (anulom vilom): बाबा रामदेव के मुताबिक अनुलोम-विलोम एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसे करने से लंग्स हेल्दी रहते हैं और बॉडी में ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारु रूप से होता है। इसे करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और सांस संबंधी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए लगातार अनुलोम विलोम का अभ्यास किया जा सकता है।
भ्रामरी प्राणायाम (bhramari pranayama): ब्लड प्रेशर को जड़ से खत्म करने में भ्रामरी प्राणायाम बेहद असरदार है। इसे करने से मरीज तनावमुक्त रहता है। इस प्राणायाम को रोजाना दोहराने से ब्लड प्रेशर. थायराइड, माइग्रेन और साइनस की समस्या से राहत मिलती है।
शीतली प्राणायाम (sheetali pranayama): ये प्राणायाम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बेहद मददगार है। बाबा राम देव के मुताबिक जो लोग इस प्राणायाम को रेगुलर करते हैं उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसे करने से एसिडिटी और पेट के अल्सर की समस्या दूर होती है। ये प्राणायाम पाचन को दुरुस्त करता है और ब्लड प्रेशर को भी कम करता है। इसे करने से तनाव दूर होता है और दिल के रोगों का खतरा भी कम होता है।