किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait News) शनिवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बुरी तरह से भड़क गए। दरअसल, इंडिया टीवी के चुनावी मंच पर एक प्रोग्राम में बैकग्राउंड इमेज में मंदिर मस्जिद की फोटो दिख रही थी। इतने में इसे देखते ही टिकैत ने चैनल और एंकर पर बिफरते हुए कहा, ‘क्या मजबूरी है इसको दिखाने की? आप किसका प्रचार कर रहे हो? किसके इशारे पर कर रहे हो? उनका कहना था कि कैमरा कलम पर बंदूक का पहरा है।
इसी के बाद एंकर से उनकी बहुत तीखी बहस हुई। एंकर ने कहा कि ‘आप मुझपर चिल्ला नहीं सकते।’ जिसपर टिकैत ने कहा कि ‘आप चैनल वाले किसी का प्रचार नहीं कर सकते।’ इसके बाद शो में गहमागहमी बढ़ गई।
टिकैत ने यहां तक कहा कि चैनल वाले देश को बर्बाद करना चाहते हैं। एंकर ने उनकी बात का जवाब दिया तो टिकैत बेहद गुस्से में आ गए। एंकर और टिकैत ने एक-दूसरे को तेज आवाज में काउंटर करना शुरू कर दिया। एंकर ने कहा, ‘मंदिर-मस्जिद को राजनीतिक मुद्दा आप लोग बनाते हैं। ऊपर क्या लिखा है देखिए।’ फिलहाल इस बहस को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
4 पीएम के संपादक संजय शर्मा अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखते हैं कि जो मंदिर मस्जिद का, हिंदू मुसलमान का नाम ले उसका यही हाल जनता करने लगे तो नेता सुधर जायेगे और आपके विकास की बात करने लगेंगे! यह पांच साल आपको लूटते हैं और आखिर में आपको हिंदू और मुसलमान में फँसा देते है! इस बार नफ़रत फैलाने वाले लोगों के दिल और दिमाग दोनों सही होने वाले है!
वरिष्ठ पत्रकार और जनसत्ता के पूर्व संपादक ओम थानवी लिखते हैं कि टिकैत सही कहा।।।पर अखिलेश की तरह ठेठ तक तेवर नहीं निभाया। लेकिन उनका सवाल वाजिब है — किसान के मुद्दे पर मंदिर-मसजिद और उनके बीच ‘श्रीराम’ को खड़े रखने का क्या काम!
टीवी पत्रकार एंकर अशोक श्रीवास्तव ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि जब आंदोलन चरम पर था तब मैंने कार्यक्रम #DoTook में #राकेश_टिकैत को आने का निमंत्रण दिया,वो तुरंत तैयार हो गए।जब मेरे गेस्ट कोर्डीनेटर ने उन्हें प्रोग्राम का फोर्मेट बताया कि उन्हें कृषि कानूनों पर दूसरे किसान नेता चौधरी कृष्णवीरसे डिबेट करनी है तो टिकैत ने मना कर दिया।
एनडीटीवी के सीनियर एडिटर उमाशंकर सिंह लिखते हैं कि ये तो गजबे कर दिए हैं! वहीं एक राम मोहन नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘राकेश टिकैत ने गोदी मीडिया के प्रोपेगैंडा को फेल कर दिया, एंकर को गजब का धोया है।’
जबकि श्रीराम चौधरी नाम के एक यूजर ने लिखा कि देश को मुद्दे से भटकाने की मुकम्मल तैयारी, भला डिबेट में मंदिर के बैक ग्राउंड लगाने का क्या मतलब है, सरकार विकास के नाम पर बनती है या धर्म के नाम पर? और पूछे जाने पर पत्रकार लाल हो रहे हैं…क्योंकि टिकैत ने उनकी पोल खोल दी…पत्रकार निष्पक्ष क्यों नहीं हैं…?
