उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी चर्चा में हैं। बिहार विधानसभा में AIMIM के पांच सीटें जीतने के बाद वह उत्तर प्रदेश में भी अहम रोल प्ले कर सकते हैं। यही वजह है कि यूपी में उनके आने से चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। हाल ही में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ‘मुजफ्फरनगर हिंसा’ का मुद्दा उठाया था। ओवैसी ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर के दंगों को आन-बान और शान बताया था।
सियासी घमासान शुरू होने के साथ ही असदुद्दीन ओवैसी के पुराने इंटरव्यू वायरल हो रहे हैं। ‘आजतक’ के साथ भी उनका एक इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उनसे सवाल पूछा गया था, ‘अभी हमने देखा था कि योगी आदित्यनाथ को मुस्लिम टोपी पहनने के लिए दी गई थी और उन्होंने मना कर दिया था। अब क्योंकि वो योगी हैं तो भी क्या उन्हें ये पहन लेनी चाहिए थी?’
असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब में कहा था, ‘मैं अगर वहां होता तो उन्हें टोपी पहनने के लिए कभी नहीं देता। मैं कहता कि कासिम बुलाकर गले लगा लीजिए। उसे इतना मारापीटा गया जो पानी के लिए भीख मांग रहा था। लेकिन योगी आदित्यनाथ ऐसा नहीं करते हैं। ये लोग 70 साल से हमें टोपी पहना रहे हैं। आप मुख्यमंत्री के रूप में अपनी ड्यूटी तो करिए। कफील के भाई को क्यों गोली मार दी गई? ये आपकी ड्यूटी है, लेकिन सीएम ऐसा तो कुछ नहीं करेंगे।’
ओवैसी से अगला सवाल पूछा गया था, ‘पहले मदरसों में तिरंगा फहराने की बात हुई। अब कुर्ते-पायजामे पर भी ऐतराज़ हो रहा है। इन सारे फैसलों को आप कैसे देखते हैं?’ उन्होंने इसका जवाब दिया था, ‘मुख्यमंत्री पहले खुद ही सफेद कुर्ता-पायजामा पहन लें। टोपी तो नहीं पहन सकते। सारी दुनिया को आप कहेंगे कि ये पहन लो, लेकिन आप खुद नहीं पहनते हो। नरेंद्र मोदी तो खुद विदेश से कपड़ा मंगवाकर अपना कुर्ता-पायजामा सिलवाते हैं। ऐसा तो बिल्कुल नहीं चल सकता।’
कांग्रेस पर निशाना: एक अन्य इंटरव्यू में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ‘आप बीजेपी और कांग्रेस को अलग-अलग नहीं देख सकते। ये दोनों पार्टियों की मैच फिक्सिंग चलती है। एक बार ये कुर्सी पर बैठेगा और दूसरी बार ये। अब हम आ गए हैं तो सबको परेशानी होने लगी है। अगर सच में ये मुस्लिमों का कुछ भला करना चाहते थे तो बहुत पहले ही कर चुके होते। अगर आजादी के इतने सालों बाद देश की जनता हमारे ऊपर विश्वास करना चाहती है तो इसमें दिक्कत कैसे हो गई? हम तो चाहते हैं कि बीजेपी और कांग्रेस का मैच फिक्सिंग का गेम बदलना चाहिए।’