CJI सूर्य कांत ने गंभीर वायु प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई केवल डिजिटल तरीके से करने की संभावना पर विचार करते हुए कहा कि एक दिन पहले जब वह एक घंटे की सैर पर गए थे तो उन्होंने खुद को अस्वस्थ महसूस किया था।
सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि वह बार से परामर्श के बाद निर्णय करेंगे, हालांकि 60 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ताओं के लिए डिजिटल तरीके से सुनवाई की अनुमति देने का विचार अदालत में रखा गया था।
उन्होंने यह टिप्पणी तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की शुरुआत में कीं, जब आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी बोले- मुझे प्रदूषण से दिक्कत है…
राकेश द्विवेदी ने कहा, “मुझे प्रदूषण से दिक्कत है… कृपया मेरे सहकर्मी को नोट लेने की अनुमति दें। मैं अगली तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होना चाहता हूं।”
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उन्होंने बताया कि सुबह की सैर पर जाने के बाद से उन्हें कुछ दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, “मुझे आपकी अनुमति चाहिए। ऑनलाइन पेश होने की अनुमति दी जाए, मेरी तबियत ठीक नहीं है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सहमति जताते हुए कहा, “इस उम्र में, हम इस खराब हवा में सांस ले रहे हैं, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400-500 है।”
CJI ने कहा, “कल मैं एक घंटे टहलने गया था। मैं ठीक महसूस नहीं कर रहा था।”
हम पहले बार को भरोसे में लेंगे- CJI
इसके बाद, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वकीलों को सुनवायी के लिए भौतिक पेशी से छूट देने की संभावना पर विचार किया गया। CJI ने कहा, “अगर मैं कोई फैसला लेता हूं, तो हम पहले बार को भरोसे में लेंगे। हम वकीलों और मुकदमा लड़ने वालों को होने वाली मुश्किलों को देखेंगे… अगर हमें कोई प्रस्ताव मिलता है, तो हम कुछ करेंगे। मैं शाम को पदाधिकारियों से मिलूंगा और कुछ कदम उठाऊंगा।”
अभी, शीर्ष अदालत ‘हाइब्रिड मोड’ में काम करती है जिसके तहत सुनवायी भौतिक और डिजिटल, दोनों तरीकों से होती है।
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