Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह को हिरासत में लेने का आदेश दिया है। जस्टिस जेजे मुनीर की कोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हिरासत में नहीं लिया। एसपी पर याचिकाकर्ता को धमकाने और दो लोगों को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप है।

प्रीति यादव और दो अन्य ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। मंगलवार को इस पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रीति यादव से कोई भी पुलिस अधिकारी संपर्क नहीं करेगा। न ही कोई धमकी दी जाएगी और न ही कोई उत्पीड़न किया जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है अब कोर्ट इस मामले में आज यानी बुधवार को फिर सुनवाई करेगा।

याचिकाकर्ता प्रीति यादव ने बताया कि 8 सितंबर की रात करीब नौ बजे थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ चार-पांच पुलिसकर्मियों के साथ जबरन मेरे घर में घुस आए। पुलिस ने मेरे परिवार के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया ।

यह कार्रवाई उस समय की गई जब अधिकारी एसपी फतेहगढ़ से फोन पर बात कर रहे थे। पुलिस ने दोनों लोगों को करीब एक हफ्ते तक हिरासत में रखा। फिर 14 सितंबर की रात 11 बजे पुलिस ने दोनों को रिहा कर दिया। बताया गया कि दोनों लोगों को छोड़ने से पहले पुलिस ने दबाव बनाकर लिखित बयान लिया। बयान में कहा गया कि हम कोई शिकायत नहीं करेंगे।

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने एसपी फतेहगढ़, सीओ कायमगंज और एसएचओ कायमगंज को अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था। ये अधिकारी मंगलवार को दोपहर दो बजे अदालत में पेश हुए ।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एसपी फर्रुखाबाद, सीओ कायमगंज राजेश कुमार द्विवेदी और थाना प्रभारी कायमगंज को तलब किया था। सीओ राजेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।

कौन हैं फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह?

आरती सिंह 2017 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। आरती सिंह मध्य प्रदेश के सिंगरौली की रहने वाली हैं। उनके पति अनिरुद्ध सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं। आरती और अनिरुद्ध सिंह ने साथ में यूपीएससी की तैयारी की थी। दोनों ने साथ में यूपीएससी परीक्षा पास की। दोनों एक साथ आईपीएस अधिकारी बने।

आरती सिंह ने यूपीएससी में 118वीं रैंक हासिल की। ​​जबकि अनिरुद्ध सिंह 146वीं रैंक के साथ हिंदी माध्यम से टॉपर रहे। आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान उनकी पहली पोस्टिंग मथुरा और वाराणसी में सीओ के पद पर हुई।

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आरती सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एनटीपीसी शक्ति नगर स्थित विवेकानंद स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दुद्धीचुआ स्थित डीएवी स्कूल से इंटरमीडिएट और जबलपुर से बीबीए किया। इसके बाद एमबीए करने के लिए वे इंदौर चली गईं।

आरती सिंह पहले भी विवादों में रही हैं। बनारस पुलिस कमिश्नरेट में तैनाती के दौरान आरती सिंह पर मकान मालिक को किराया न देने का आरोप लगा था। इस मामले में मकान मालिक ने डीजीपी से शिकायत की थी।

पुलिस खुद अपराधी बन चुकी है- सपा

इस घटनाक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने एक्स पर लिखा, ‘फर्रुखाबाद की पुलिस कप्तान और स्थानीय पुलिस ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने पर याची को धमकाया था और वकील की अवैध गिरफ्तारी की थी, इस कारण से माननीय न्यायालय ने फर्रुखाबाद एसपी आरती सिंह को वकील की रिहाई तक अदालत में बिठाया और फटकारा।

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने आगे लिखा कि पूरे प्रदेश में पुलिस आमजन पर, समाजसेवियों पर, विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जबरन उत्पीड़न और उन पर अत्याचार कर रही है, पुलिस खुद अपराधी बन चुकी है, पुलिस खुद अपराध कर रही है, अपराधियों को संरक्षण देकर अपराधियों के साथ मिलीभगत करके खुद अपराध में संलिप्त है भाजपा सरकार की पुलिस। जनता में पुलिस ने अपना भरोसा खो दिया है, पुलिस अपराधियों के साथ मिली हुई है, और जनता पुलिस को भी अब अपराधी की नजर से ही देखती है।

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