Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पिछले साल हुए अयोध्या सामूहिक बलात्कार मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मोईद अहमद को गुरुवार को जमानत दे दी।
जस्टिस पंकज भाटिया की सिंगल बेंच ने आरोपी की जमानत याचिका पर यह आदेश पारित किया। आरोपी ने दलील दी थी कि उसे राजनीतिक कारणों से इस मामले में झूठा फंसाया गया। उसने कहा कि वह 71 साल का और पीड़िता के बयानों और एफआईआर में घटना की सही तारीख और समय का ज़िक्र नहीं है। यह भी कहा गया कि चूंकि पीड़िता और उसकी मां से इस मामले में पहले ही पूछताछ हो चुकी है, इसलिए अब गवाहों को प्रभावित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
राज्य सरकार की ओर से ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी और उसके साथी राजू ने पीड़िता के साथ हुई बर्बरता का वीडियो भी बनाया था। जिस मोबाइल फ़ोन से वीडियो बनाया गया था, उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि वह इस समय सबूतों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है। कोर्ट ने अहमद की पिछली ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन पीड़िता और शिकायतकर्ता की जांच के बाद उसे नई ज़मानत याचिका दायर करने की अनुमति दे दी थी।
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मामले के एक अन्य आरोपी राजू खान की जमानत याचिका भी गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन समय की कमी के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।
बता दें, 30 जुलाई 2024 को अयोध्या पुलिस ने जिले के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा नगर में बेकरी चलाने वाले मोईद अहमद और उसके कर्मचारी राजू खान को 12 वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और इस कृत्य को रिकॉर्ड करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जिला प्रशासन ने अहमद के अयोध्या स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को बुलडोजर से गिरा दिया था।