Tihar Jail: तिहाड़ जेल में जबरन वसूली को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग (Vigilance Department) आदेश दिया है कि वह अनुशासनात्मक जांच को जल्दी से पूरा करे और तिहाड़ जेल में जबरन वसूली रैकेट चलाने में कथित रूप से शामिल जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने सतर्कता विभाग को दो सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया। दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) द्वारा न्यायालय को सूचित किए जाने के बाद पीठ ने यह आदेश पारित किया कि वह सतर्कता विभाग के साथ मामले को आगे बढ़ाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाए और जांच यथाशीघ्र पूरी की जाए।
हाई कोर्ट ने आदेश दिया, “एक बार अधिकारी की नियुक्ति हो जाने पर, आरोपपत्र तैयार करने, उसका अनुमोदन करने और निष्कर्ष निकालने जैसी अपेक्षित औपचारिकताएं भी इसी अल्पावधि में पूरी कर ली जाएंगी।”
कोर्ट ने कहा कि वह 7 जनवरी, 2026 को मामले की फिर से सुनवाई करेगा और उक्त तिथि तक दिल्ली सरकार को प्रगति का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। कोर्ट ने कहा, ‘‘सीबीआई आपराधिक कार्यवाही में प्रगति के संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करेगी।’’
पीठ ने तिहाड़ जेल में अवैधताओं, कदाचार और दुर्व्यवहार पर चिंता जताने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेल के अंदर कैदियों की मदद से और जेल अधिकारियों की मिलीभगत से जबरन वसूली का रैकेट चलाया जा रहा है।
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आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पहले एक न्यायिक अधिकारी को जेल जाकर जांच करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफ़ाफ़े में दाखिल की। अदालत ने रिपोर्ट की जांच के बाद, सीबीआई जांच के आदेश दिए। इसके अलावा, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जेल अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का भी निर्देश दिया।
28 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई हुई तो हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसके ‘ढीले रवैये’ के लिए फटकार लगाई। साथ ही कहा कि वह निलंबित तिहाड़ जेल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में विफल रही है। इसके बाद न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को तलब किया था।
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