Cash For Jobs Scam: पश्चिम बंगाल के नौकरी के बदले नकदी घोटाला (Cash-For-Jobs Scam) मामले में स्पेशल ईडी कोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यदि वह सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होते हैं तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है

पार्थ चटर्जी और अन्य आरोपियों को “नौकरी के बदले नकदी” घोटाले में विशेष ईडी अदालत में पेश होना था, जिसकी जांच ईडी कर रही है। जबकि अन्य आरोपी अदालत में मौजूद थे, चटर्जी के वकील ने दलील दी कि वह बीमारी के कारण अदालत में उपस्थित नहीं हो सके।

इस पर जस्टिस सुवेंदु साहा ने कहा, “डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह नहीं दी थी, फिर वह अनुपस्थित क्यों हैं? उन्हें निचली अदालत में पेश होना ही होगा।” जस्टिस साहा ने यह भी कहा कि भले ही चटर्जी को उच्च न्यायालयों द्वारा जमानत दी गई है, लेकिन उनकी अदालत के पास इसे रद्द करने का अधिकार है। इसके बाद उनके वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि चटर्जी अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे।

हालांकि चटर्जी खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए ईडी अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने में विफल रहे, लेकिन सूत्रों ने बताया कि वह मुख्यधारा की राजनीति में तेजी से वापसी की योजना बना रहे हैं।

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पूर्व मंत्री, जो अभी भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी को पत्र लिखकर सदन के अगले सत्र के बारे में स्पष्टता मांगी है। मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि हां, मुझे पार्थ चटर्जी का पत्र मिला है कि विधानसभा का अगला सत्र कब होगा। उन्हें अन्य विधायकों की तरह समय पर सूचित कर दिया जाएगा। उन्हें भी वे सभी सुविधाएं मिलेंगी जो अन्य विधायकों को मिलती हैं। निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता ने रिहाई के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने और निवासियों से बातचीत करने की योजना की भी घोषणा की है।

बता दें, ईडी ने पार्थ चटर्जी को जुलाई 2022 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) में बड़े पैमाने पर “नौकरी के बदले नकद घोटाले” के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच के तहत गिरफ्तार किया था, जो 2014 से 2021 तक उनके शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान हुआ था। चटर्जी को 11 नवंबर को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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