Delhi Judge: दिल्ली के एक जज ने शुक्रवार (14 नवंबर) को सुबह 2:25 बजे अपने आवास पर ईडी की याचिका पर सुनवाई की। ईडी की याचिका में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक आरोपी को 14 दिनों की रिमांड पर देने की मांग की गई थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जब यह मामला पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शेफाली बरनाला टंडन के समक्ष आया , तो बचाव पक्ष के वकील भी वहां पहुंचे हुए थे।
कोर्ट ने आरोपी स्वराज सिंह यादव को अपने पिता को फोन करके वकील का नंबर तय करने की इजाज़त दी। फिर उन्होंने वकील को फ़ोन किया, जो सुबह 3:05 बजे अदालत पहुंच गए। इसके बाद कोर्ट ने यादव और उनके वकील को निजी परामर्श के लिए 20 मिनट का समय दिया और अंततः मामले की सुनवाई के लिए सुबह 3:30 बजे कार्यवाही फिर से शुरू की।
दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने सुबह 6:10 बजे आदेश पारित किया, जिसमें ईडी की अर्जी स्वीकार कर ली गई और यादव को 14 दिनों के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें 28 नवंबर को दोपहर 2 बजे अदालत में पेश किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- हाई कोर्ट ने अखबार के संपादक को सुनाई छह महीने जेल की सजा, पुलिस अधिकारी के खिलाफ छापा था लेख
स्वराज सिंह यादव गुड़गांव स्थित रियल एस्टेट फर्म ओशन सेवन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड (ओएसबीपीएल) के प्रबंध निदेशक हैं। उन्हें 13 नवंबर की रात करीब 11:50 बजे ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में कथित तौर पर शामिल होने और पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत घर खरीदारों से एकत्रित धन की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार, स्वराज सिंह यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए फ्लैट आवंटनों को धोखाधड़ी से रद्द कर दिया और पिछले खरीदारों को पैसे वापस किए बिना, उन्हें केवल नकद में बढ़ी हुई कीमतों पर दोबारा बेच दिया। एजेंसी का कहना है कि उसने लगभग 220-222 करोड़ रुपये की हेराफेरी की, फर्जी कंपनियों के माध्यम से और एस्क्रो खातों का दुरुपयोग करके पैसा निकाला। जांचकर्ताओं का यह भी दावा है कि यादव ने संभवतः कानूनी परेशानी की आशंका से अपनी व्यक्तिगत और कंपनी की संपत्ति को तेजी से बेच दिया।
यह भी पढ़ें- ताज महल की सुरक्षा के लिए पेश किया गया नया सुझाव क्या है? सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने की ये सिफारिशें
