Delhi High Court Pulls up Centre: दिल्ली हाई कोर्ट ने आईआरएस अधिकारी और पूर्व एनसीबी जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की पदोन्नति से जुड़े एक मामले में केंद्र को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने संबंधित आदेश की समीक्षा की मांग वाली याचिका में कुछ अहम तथ्य को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने पाया कि केंद्र सरकार ने CAT के आदेश के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाईं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती थी।

जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के वानखेड़े को पदोन्नति देने के आदेश की समीक्षा की मांग की गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की ओर से पारित आदेश को बरकरार रखा है। CAT ने पहले ही समीर वानखेड़े के खिलाफ चल रही सभी विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद वानखेड़े को प्रमोशन से जुड़ी राहत मिली थी।

इस आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान वानखेड़े के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने अपनी अपील में यह तथ्य छिपा लिया कि CAT ने वानखेड़े के खिलाफ सभी विभागीय कार्यवाहियों पर रोक लगाई थी।

कोर्ट ने पाया कि सरकार की ओर से यह जानकारी न देना गंभीर चूक है। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। साथ केंद्र पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में धर्म परिवर्तन के तहत दर्ज कई FIR रद्द कीं

बता दें, समीर वानखेड़े, जो वर्तमान में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में अतिरिक्त आयुक्त हैं। अक्टूबर 2021 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एक क्रूज जहाज पर कथित रेव पार्टी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उस समय वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोनल निदेशक थे।

वानखेड़े पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के संबंध में सीबीआई और ईडी की कार्यवाही भी चल रही है। दोनों मामले 2023 में दर्ज किए गए थे और जुलाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को जाँच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया था।

यह भी पढ़ें- ‘मामला सिर्फ बयानों पर आधारित, कोई सबूत नहीं है’, दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद के वकील ने कोर्ट में बताया