सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बेंगलुरु निवासी एक बीजेपी कार्यकर्ता गुरुदत्त शेट्टी की रिट याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका में बीजेपी कार्यकर्ता गुरुदत्त शेट्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर निशाना बनाने वाले एक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत, न्यायाधीश जॉयमाला बागची और न्यायाधीश विपुल पंचोली की बेंच बीजेपी कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बीजेपी कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जवाहरलाल नेहरू व्यंग्य नाम से एक पैरोडी अकाउंट के तहत पोस्ट किया था जिस पर गुजरात पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। याचिकाकर्ता पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) और धारा 79 के तहत संज्ञेय और जमानती अपराधों का मामला दर्ज किया गया था।
याचिकाकर्ता ने की थी सुरक्षा की मांग
बीजेपी कार्यकर्ता गुरुदत्त के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता सिर्फ कुछ दिनों के लिए सुरक्षा मांग रहा है जिससे वह संबंधित हाईकोर्ट में अपील कर सके। वकील ने तर्क दिया,”मुझे 5-7 दिन को नोटिस चाहिए ताकि मैं अपना बचाव कर सकूं क्योंकि ये जमानती अपराध है।” आगे यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने विवादित पोस्ट नहीं लिखा बल्कि उन्होंने इसे केवल प्रश्न चिन्ह लगाकार रिपोस्ट किया था।
आपको गलती का एहसास नहीं- सीजेआई
इस पर सीजेआई ने कहा कि क्या याचिकाकर्ता चाहते हैं कि कोर्ट उनके पोस्ट के कंटेंट को खुले कोर्ट में पढ़कर सुनाए। वकील ने कहा कि पोस्ट याचिका के साथ संलग्न नहीं की गई है तो सीजेआई ने कहा कि ऐसा लग रहा याचिकाकर्ता को अपने कार्यों के लिए गलती का एहसास नहीं है।
सीजेआई ने कहा,”याचिकाकर्ता ने इसे इसलिए संलग्न नहीं किया क्योंकि आपको पश्चाताप का कोई भाव नहीं है। आपको अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। जिन लोगों को आप गाली दे रहे हैं, उनके लिए आपके पास एक शब्द भी नहीं है।”
याचिकाकर्ता ने किया मूलभूत अधिकार का उल्लंघन
किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। आदेश में कोर्ट ने कहा,”याचिकाकर्ता ने अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी के मूलभूत अधिकार का घोर उल्लंघन किया है; हम इस न्यायालय के जरिए इसे कोई विवेकाधिकार या राहत प्रदान नहीं कर सकते।”
याचिका खारिज करते हुए बेंच ने साफ किया कि बीजेपी कार्यकर्ता शेट्टी कानूनी रूप से राहत पाने के लिए संबंधित हाईकोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ता के वकील ने एक बार फिर सात दिन की सुरक्षा की मांग की, तो मुख्य न्यायाधीश ने इनकार करते हुए कहा, “सुरक्षा का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
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