दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में लूट, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोपी दो व्यक्तियों को सोमवार को बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश परवीन सिंह ने मोहम्मद फारूक और मोहम्मद शादाब के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया, जिन पर 25 फरवरी 2020 को चांग बंग क्षेत्र में दंगा करने, गैरकानूनी रूप से भीड़ जुटाने और संपत्ति में तोड़फोड़ एवं आगजनी करने का आरोप लगाया गया था।
नौ दिसंबर को पारित आदेश में न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि अभियोजन पक्ष के गवाह संख्या चार (सहायक उपनिरीक्षक सुनील) की गवाही की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह है और केवल उनकी गवाही पर भरोसा करके आरोपियों को उन अपराधों के लिए दोषी ठहराना विवेकपूर्ण नहीं होगा, जिनके लिए उन पर आरोप लगाया गया है।”
उन्होंने कहा, “तदनुसार, दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ दिया जाता है और उन सभी अपराधों से बरी किया जाता है, जिनके लिए उन पर आरोप लगाए गए हैं।”
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अदालत ने कहा कि आरोपियों की पहचान अदालत के समक्ष पेश एक वीडियो क्लिप के आधार पर भीड़ के हिस्से के रूप में भी की गई थी, लेकिन क्लिप 24 फरवरी की है, जबकि दोनों के खिलाफ दायर शिकायत में एक दिन बाद की घटनाओं का जिक्र किया गया है।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता का बयान अदालत के रुख को बल देता है, क्योंकि उसने कहा था कि पुलिस ने उसके मकान का साइट प्लान उसकी मौजूदगी में नहीं तैयार किया था। उन्होंने कहा, “लगातार जिरह के बाद भी उसकी गवाही के इस हिस्से को चुनौती नहीं दी जा सकी या गलत नहीं साबित किया जा सका।” फारूक और शादाब के खिलाफ दयालपुर पुलिस थाने में एक मार्च 2020 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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