इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिजनौर के रहने वाले आरिफ मोहम्मद को जमानत दे दी है। उसे बीएनएस और यूपी के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। जमानत की सुनवाई के दौरान आरिफ के वकील गोपाल मिश्रा ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को दुश्मनी से उत्पन्न षड्यंत्र के तहत झूठा और धोखाधड़ी से फंसाया गया है।
मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि शुरुआती एफआईआर और बाद में शिकायतकर्ता के बयानों में विरोधाभास है और उसने सीधे तौर पर आरिफ पर किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया था। उन्होंने पीड़िता द्वारा आरिफ को कथित तौर पर लिखे गए एक लव लेटर का हवाला दिया। इसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह दिखाता है कि वह इस रिश्ते में अपनी मर्जी से शामिल थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पीड़िता का परिवार उस पर आरिफ के खिलाफ बयान देने का दबाव बना रहा था और जबरदस्ती का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है।
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
जस्टिस गौतम चौधरी की एकल बेंच ने साक्ष्य की प्रकृति और किसी भी ठोस विरोधाभासी सामग्री के अभाव को देखते हुए जमानत दे दी और यह भी कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के साथ छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। जज ने जोर देकर कहा कि जमानत देने का फैसला मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं है। आरिफ को दो जमानतदारों के साथ निजी मुचलका भरने पर रिहा करने का आदेश दिया गया। उसकी जमानत की शर्तों के अनुसार, उसे सबूतों से छेड़छाड़ करने, गवाहों को धमकाने और चल रहे मुकदमे में सहयोग करने से रोका गया है।
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स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता ने दर्ज कराई शिकायत
स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता संदीप कौशिक द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद 20 जुलाई को आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया। शिकायत में शुरू में आरिफ पर एक हिंदू महिला को कथित तौर पर प्रेम संबंध में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन कराने के इरादे से लव जिहाद में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। बाद में एफआईआर में बीएनएस की कई धाराएं शामिल कर ली गईं।
मेरे भाई को फंसाया गया- अफाक अहमद
गिरफ्तारी के बाद आरिफ के भाई अफाक अहमद ने व्हाट्सएप मैसेज पोस्ट कर दावा किया कि उसके भाई को फंसाया गया है और उसे लिंचिंग का डर है, साथ ही उसने न्यायपालिका पर विश्वास भी व्यक्त किया। मैसेजों में अफाक ने कथित तौर पर कहा कि उसके भाई को पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालकर झूठे मामले में फंसाया गया है और दुख जाहिर किया कि मेरे परिवार की आजीविका का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है।
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