डिवीजन बेंच के आदेश को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी सजा से व्यक्ति की छवि खराब हो जाती है, जिससे उसे दोबारा नौकरी मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जब हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने बकाया वेतन को पहले ही 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया था, तो उस आदेश में दखल देने की कोई जरूरत नहीं थी।