मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिवारों ने अपना घर, ज़मीन और पहचान खो दी, लेकिन राष्ट्र या अपनी संस्कृति के प्रति अपनी आस्था से कभी समझौता नहीं किया। तीन दशकों से भी ज़्यादा समय तक दिल्ली ने उन्हें आश्रय दिया। अब हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें सम्मान और सुरक्षा भी दें।