जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों से आग्रह किया कि वे कानून को केवल एक कैरियर विकल्प के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक उच्चतर आह्वान (Higher Calling) के रूप में देखें, क्योंकि कानून में सफलता केवल वित्तीय लाभ से नहीं, बल्कि “नैतिक भार (Ethical Weight)” से मापी जाती है।