खेल मंत्रालय ने गुरूवार को योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी। इसे अब सरकारी सहायता दी जा सकती है। खेल मंत्री किरेन रीजीजू और आयुष (आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) मंत्री श्रीपाद येस्सो नाईक ने योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी। इस दौरान रीजीजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना अब साकार हुआ। उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने और योगासन को खेल के रूप में बनाने के लिए बहुत प्रयास किए।
रीजीजू ने कहा, ‘‘योगासन लंबे समय से प्रतिस्पर्धी खेल है, लेकिन इसे भारत सरकार से मान्यता मिलने की जरूरत थी ताकि यह आधिकारिक और मान्य प्रतिस्पर्धी खेल बन सके। आज बड़ा दिन है और हम इसे प्रतिस्पर्धी खेल के तौर पर औपचारिक रूप से लांच कर रहे हैं।’’ पिछले साल योग गुरू बाबा रामदेव की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ का भी गठन किया गया था। डॉक्टर एच आर नागेंद्र इसके महासचिव हैं।
Hon’ble PM Shri @NarendraModi Ji’s vision to popularise Yoga and to make Yogasana as sport is fulfilled today. Ministry of Youth Affairs and Sports has officially recognized Yogasana as a competitive sport. As YOGA is India’s gift to the world, YOGASANA is gift to Sports World. pic.twitter.com/mmeW101hLu
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 17, 2020
भारतीय राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ का भी गठन किया गया जिसे पिछले महीने खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघ के तौर पर मान्यता दी। रीजीजू ने कहा कि खेल मंत्रालय इस राष्ट्रीय महासंघ को वित्तीय सहायता देगा ताकि आने वाले साल के लिए यह योजना बना सके। खेलमंत्री ने कहा कि योगासन को खेलो इंडिया कार्यक्रम का भी हिस्सा बनाया जाएगा । उन्होंने कहा ,‘‘ इसकी लोकप्रियता भारत में बढेगी और इसे खेलो इंडिया स्कूल तथा यूनिवर्सिटी कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा ।’’
प्रतिस्पर्धाओं के लिये चार खेलों और सात वर्गों में 51 पदक प्रस्तावित हैं। इनमें योगासन, कलात्मक योग (एकल व युगल), लयबद्ध योग (एकल, समूह), व्यक्तिगत हरफनमौला चैम्पियनशिप और टीम चैम्पियनशिप शामिल है। अगले साल फरवरी में राष्ट्रीय व्यक्तिगत योगासन खेल चैम्पियनशिप का भी प्रस्ताव है।