तनिष्क वड्डी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में इस्तेमाल की जाने वाली ड्यूक गेंद से दोनों में से किसी भी टीम को फायदा नहीं मिलना चाहिए। इसका कारण है कि दोनों में देशों में अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल होता है। भारत में एसजी और ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा का इस्तेमाल होता है। इंग्लैंड में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसका एक कारण ड्यूक गेंद भी है। यह गेंद लंबे समय तक गेंदबाजों के स्विंग दिलाती है।

टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ” मुझे लगता है कि सभी गेंदबाजों को ड्यूक बॉल से गेंदबाजी करने में मजा आता है, विशेषकर इंग्लैंड की परिस्थितियों में।” ड्यूक और एसजी दोनों ही गेंदों को हाथ से सिला जाता है और गेंदबाजों को इनसे अधिक समय तक मदद मिलती है। इसके विपरीत कूकाबुरा बॉल को मशीन से सिला जाता है और सीम कुछ समय बाद सपाट हो जाती है, जिससे यह बल्लेबाज के अनुकूल हो जाती है।

कंगारुओं का पलड़ा भारी

ड्यूक बॉल बनाने वाली कंपनी के मालिक दिलीप जाजोदिया ने कहा, “हाथ से सिले गेंद की सीम बाहर निकली हुई होती है और इसलिए यह थोड़ा अलग आकार देती है। उठा हुआ सीम से हवा के साथ गेंद के मूवमेंट में मदद करती है जैसे पानी में जहाज को आगे बढ़ने में पतवार से मदद मिलती है।” जाजोदिया का मानना है कि कूकाबुरा की तुलना में पुरानी ड्यूक बॉल स्पिनरों को मदद पहुंचा सकती है, लेकिन वह कहते हैं कि द ओवल और मैनचेस्टर में ओल्ड ट्रैफर्ड इंग्लैंड के दो मैदान हैं, जो थोड़े ऑस्ट्रेलिया जैसे हैं। इससे कंगारुओं का डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत पर थोड़ा पलड़ा भारी हो जाता है।

इंग्लैंड की पिच को ड्यूक बॉल की जरूरत

ड्यूक बॉल में अन्य गेंदों की तुलना में अधिक पॉलिस होती है। इसके कारण एक तरफ चमक लंबे समय तक बने रहता है और मूवमेंट मिलता है। भारत के पूर्व क्रिकेटर दीप दासगुप्ता का मानना है कि इंग्लैंड की पिच को अच्छे क्रिकेट के लिए ड्यूक जैसी गेंदों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, “गेंद और परिस्थितियों में तालमेल होता है। इंग्लैंड में पिच आमतौर पर नरम होती है। ऐसे में आपको कठोर गेंद की जरूरत होती है। भारत में भी ऐसा ही है और आपको गेंद से मदद की जरूरत होती है। ऐसा नहीं होने पर बल्लेबाज हावी होते हैं।”

रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को ड्राइव से बचते दिखेंगे

दीपदास गुप्ता ने आगे कहा, “चूंकि सीम गेंदबाजों को फायदा होता है आपको शॉट खेलते वक्त सावधान रहना होगा, क्योंकि आप जानते हैं कि गेंद थोड़ी घूमेगी। तो इसका सीधा असर आपके गेम प्लान पर पड़ता है। रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को ड्राइव से बचते देखा जा सकता है। कहा जाता है कि पहला घंटा गेंदबाजों को देना चाहिए। खासकर जब गेंद नई हो, क्योंकि यह काफी हरकत करेगी।”