भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के लंबे दौरे पर जून के पहले सप्ताह में जाना है। टीम इंडिया वहां वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलेगी। इसके अलावा मेजबान इंग्लैंड से 5 टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलेगी। टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल साउथम्पटन के द रोज बाउल में खेला जाएगा। यह मैच 18 से 22 जून तक होगा। टीम का रिकॉर्ड इस मैदान पर शर्मनाक है। वह टेस्ट मैच में यहां अब तक नहीं जीत सकी है।
टीम इंडिया साउथम्पटन में पहली 2014 में खेली थी। तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। मेजबान इंग्लैंड की टीम सामने थी। उस समय इंग्लिश टीम के कप्तान एलिस्टर कुक थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 7 विकेट पर 569 रन बनाए थे। इयान बेल ने 167, गैरी बैलेंस ने 156, कुक ने 95 और जोस बटलर ने 85 रन बनाए। भारतीय टीम पहली पारी में 330 रनों पर सिमट गई थी। उसके लिए अजिंक्य रहाणे ने 54 और धोनी ने 50 रन बनाए थे। विराट कोहली 39, रविंद्र जडेजा 31 और चेतेश्वर पुजारा 29 रन पर आउट हुए थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 239 रनों की बढ़त ली थी। उसने दूसरी पारी में 4 विकेट पर 204 रन बनाए थे। कुक ने 70 और जो रूट ने 56 रन बनाए थे। भारत को जीत के लिए 444 रन का लक्ष्य मिला था।
टीम इंडिया दूसरी पारी में 178 रनों पर ही सिमट गई थी। रहाणे ने दूसरी पारी में 52, कोहली ने 28 और जडेजा ने 15 रन बनाए थे। भारत 266 रनों से हार गया था। इसके बाद टीम इंडिया को साउथम्पटन में खेलने का मौका 2018 में मिला। तब कोहली भारत और रूट इंग्लैंड के कप्तान थे। मेजबान टीम 60 रन से मैच जीती थी। इंग्लैंड ने पहली पारी में 246 और दूसरी पारी में 271 रन बनाए थे। टीम इंडिया पहली पारी में 273 और दूसरी पारी में 184 रन ही बना सकी थी। पुजारा ने पहली पारी में 132 रन ठोके थे। दूसरी पारी में कोहली ने 58 और रहाणे ने 51 रन बनाए थे।
साउथम्पटन में भारत को इस बार पहली जीत की तलाश होगी। अगर वह मैच जीत लेता है तो टेस्ट में वर्ल्ड चैंपियन बन जाएगा। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड की टीम यहां पर अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं खेली है। उसके लिए यह मैदान क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में नया होगा। कोहली, रहाणे, पुजारा, जडेजा, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, बुमराह और अश्विन जैसे खिलाड़ी यहां खेलने के अपने अनुभव का फायदा उठाकर टीम को जीत दिला सकते हैं।