रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी है। दिल्ली कोर्ट ने बृजभूषण सिंह को समन भी कर दिया। यह सबकुछ महिला पहलवानों की एफआईआर दर्ज होने के बाद हुआ। इन्हीं महिला पहलवानों ने फरवरी महीने में निगरानी समिति के सामने अपनी बात रखी थी लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

निगरानी समिति ने नहीं उठाए थे सवाल

जनवरी में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट कई अन्य पहलवानों के साथ धरने पर बैठे थे। तब खेल मंत्रालय ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच के लिए एक निगरानी समिति बनाई थी। इस समिति का अध्यक्ष छह बार की वर्ल्ड चैंपियन और ओलंपिक मेडलिस्ट मैरीकॉम को बनाया गया। समिति में मैरीकॉम के अलावा ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर योगेश्वर, बबीता फोगाट, बैडमिंटन खिलाड़ी त्रुप्ति मुरगंडे, साई के पूर्व डायरेक्टर राधिका श्रीमन और टॉप्स के पूर्व चीफ एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राजगोपलन शामिल थे।

महिला पहलवानों के आरोपों को नहीं दी गई थी अहमियत

महिला पहलवानों ने अपनी आपबीती कमेटी को बताई लेकिन किसी ने भी इसे गलत नहीं बताया था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट में बृजभूषण सिंह पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था। रिपोर्ट में फेडरेशन में शिकायत कमेटी के न होने जैसे मुद्दों के बारे में बताया गया लेकिन बृजभूषण सिंह पर कुछ भी नहीं कह गया जबकि लगभग एक दर्जन खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ ने बीजेपी सांसद के खिलाफ बयान दिए थे। इसी कारण पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।

पहलवानों ने कमेटी पर उठाए थे सवाल

बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने तब यह आरोप लगाए थे कि कमेटी ने पूरी संजीदगी के साथ रेसलर्स की बात नहीं सुनी। उन्होंने बार-बार पहलवानों से एक जैसे सवाल किए। शिकायत करने वाली पहलवानों ने कहा था कि कमेटी के सदस्य इत्मीनान से उनकी बात नहीं सुनते थे। वह बहुत जल्दबाजी में रहते थे। बयान देने वालों को ऐसा लगता था कि एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दे रहे हैं। खिलाड़ी उनसे बात करते हुए बिलकुल भी सहज महसूस नहीं कर रहे थे।