भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के मनाने पर पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में नहीं प्रवाहित किए। पहलवानों ने नरेश टिकैत को ही अपने मेडल सौंप दिए। नरेश टिकैत ने एक सफेद कपड़े में उनके मेडल अपने पास रख लिए। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार 30 मई 2023 को गंगा नदी में अपने पदक बहाने सैकड़ों समर्थकों के साथ ‘हर की पौड़ी’ पहुंचे थे।
पहलवान और उनके समर्थक करीब डेढ़ घंटे तक ‘हर की पौड़ी’ पर बैठे रहे। नरेश टिकैत ने उन्हें समझाया। उन्होंने पहलवानों से कहा कि वे अपने पदक गंगा नदी में नहीं बहाएं। इसके बाद पहलवानों ने कहा कि यदि पांच दिन के भीतर उन्हें न्याय मिलता है तो वे अपने मेडल गंगा नदी में नहीं बहाएंगे। पहलवानों ने अपने मेडल उन्हें सौंप दिए।
इस बीच गंगा सभा ने ‘हर की पौड़ी’ पर पहलवानों की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए। गंगा सभा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पहलवान गंगा आरती के वक्त यहां आए। अगर उन्हें आरती में सम्मिलित होना है तो ठीक है वर्ना यहां आकर हर की पौड़ी को राजनीति का अखाड़ा ना बनाएं।

अरविंद केजरीवाल ने भी किया पहलवानों का समर्थन
इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने भी पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘पूरा देश स्तब्ध है। पूरे देश की आंखों में आंसू हैं। अब तो प्रधानमंत्री जी को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिए।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वह पहलवानों के साथ हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
अनुभवी क्रिकेटर अनिल कुंबले ने भी प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन किया। अनिल कुंबले ने कहा, 28 मई को हमारे पहलवानों के साथ मारपीट के बारे में सुनकर निराशा हुई। उचित बातचीत के जरिए किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है।
बता दें कि बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवान अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। करीब ढाई बजे पहलवान दिल्ली से हरिद्वार के लिए निकले। गंगा में मेडल बहाने के बाद पहलवानों की योजना दिल्ली लौटकर इंडिया गेट पर आमरण अनशन करने की थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट के आसपास किसी भी तरह के अनशन की मंजूरी नहीं दी है।
दिल्ली पुलिस की ओर से इसको लेकर बयान भी आ गया है। पुलिस का कहना है कि इंडिया गेट के आसपास किसी भी तरह के प्रदर्शन को मंजूरी नहीं दी गई है और ना ही दी जाएगी। इससे पहले बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने 30 मई 2023 की सुबह ट्वीट कर ऐलान किया था कि सभी प्रदर्शनकारी पहलवान आज शाम 6 बजे गंगा में अपने-अपने मेडल बहा देंगे और उसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे।
विनेश और बजरंग ने किए ट्वीट
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने मंगलवार को एक ट्वीट कर कहा था कि इंडिया गेट हमारी शहीदों का स्मारक है, इसलिए हम भी वहीं अपने प्राण त्याग देंगे। उससे पहले हम अपने मेडल को गंगा में प्रवाहित कर देंगे। ट्वीट में दोनों पहलवानों ने आगे कहा था कि यह मेडल अब हमें नहीं चाहिए, हम इन्हें गंगा में प्रवाहित कर देंगे।
ट्वीट में यह भी लिखा गया कि यह मेडल हमारी जान और हमारी आत्मा हैं, इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं है, इसलिए हम मेडल प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन के लिए बैठ जाएंगे। विनेश और बजरंग ने ट्वीट में आगे कहा है कि हम इस देश सदा आभारी रहेंगे।
रविवार को जंतर-मंतर से हटाए गए थे पहलवान
आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन अभी तक जंतर-मंतर पर चल रहा था, लेकिन रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों ने जंतर-मंतर से नई संसद भवन तक महापंचायत सम्मान के तहत कूच करने का ऐलान किया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को वहां जाने से पहले ही हिरासत में ले लिया था।
इस दौरान पहलवानों के साथ धक्का-मुक्की की घटना भी हुई थीं। इसके बाद जंतर-मंतर से पहलवानों का पूरा आंदोलन खत्म कर दिया गया। इसके बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट कर यह कहा था कि अभी उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, हम जल्द ही अपनी अगली योजना का ऐलान करेंगे।