Wrestlers Protest On Jantar Mantar: जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने बुधवार 26 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि ‘आप हमारे मन की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं?’ और उनकी पार्टी के सांसद तथा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चर्चा के लिए उनसे समय मांगा। विभिन्न किसान संगठन, खाप नेता, राजनेता और महिला संगठन भी पिछले तीन दिन में पहलवानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी धरना स्थल पर पहुंचे और कहा कि यह शर्मनाक है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी पाने के लिए सम्मानित खिलाड़ियों को न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़ रही है। देश के शीर्ष पहलवानों ने गंभीर आरोपों की जांच के लिए निगरानी समिति के गठन के बाद अपना धरना समाप्त करने के 3 महीने बाद रविवार को कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी दुर्दशा पर आंखे मूंद ली हैं: पहलवान
खेल मंत्रालय ने 6 सदस्यीय निगरानी पैनल के निष्कर्षों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया है जिसने 5 अप्रैल 2023 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। पहलवानों ने बुधवार को कहा कि था कि वे हैरान हैं कि जब वे पदक जीतते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी उनका सम्मान करते हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं लेकिन अब जब वे न्याय मांग रहे हैं तो उन्होंने उनकी दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं।
रियो ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी ‘बेटी बचाओ’ और ‘बेटी पढ़ाओ’ के बारे में बात करते हैं और सबके ‘मन की बात’ सुनते हैं। क्या अब वह हमारे ‘मन की बात’ नहीं सुन सकते?’ साक्षी मलिक ने कहा, ‘जब हम पदक जीतते हैं तो वह हमें अपने घर आमंत्रित करते हैं और हमें बहुत सम्मान देते हैं और हमें अपनी बेटियां कहते हैं। आज हम उनसे अपील करते हैं कि वह हमारे ‘मन की बात’ सुनें।’
हमारी बेटियां सड़कों पर हैं, हमें शर्म से डूब मरना चाहिए: सत्यपाल मलिक
जम्मू कश्मीर के आखिरी राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने मंगलवार की रात ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया से बात की और धरनास्थल पर आने का वादा किया था। देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए रविवार को जंतर मंतर पर धरना फिर शुरू किया।
बृजभूषण शरण सिंह पर उन्होंने महिला पहलवानों को धमकाने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘जब हमारी बेटियां पदक जीतती हैं और तिरंगा लहराती हैं तो उस समय हम बेशर्मों की तरह उन्हें चाय पर बुलाते हैं और उनके साथ तस्वीरें खींचते हैं लेकिन आज वे सड़कों पर हैं। हमें शर्म से डूब मरना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से उनका साथ देने की अपील करता हूं। यहां अधिक से अधिक लोगों को जुटना चाहिए।’ व्हीलचेयर का सहारा लेने वाले सत्यपाल मलिक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न के सबूत देने के लिये कहा जा रहा है। टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भी प्रधानमंत्री से गुहार लगाई।उन्होंने कहा, ‘ये भारत की बेटियां आपसे अपील कर रही हैं, कृपया इनके साथ न्याय करें।’