Wrestlers Protest Against Brij Bhushan Sharan Singh: नई दिल्ली के जंतर मंतर पर 23 अप्रैल 2023 से फिर से धरने पर बैठने देश के शीर्ष पहलवानों की मांग पर केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार के लिए खेल और खिलाड़ी हमेशा प्राथमिकता रहें हैं और उन्होंने ना कभी खिलाड़ियों की सुविधाओं के साथ समझौता किया है और ना कभी करेंगे।
अनुराग ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उन्होंने जनवरी 2023 में हिमाचल प्रदेश का अपना दौरा रद करके 12 घंटे तक पहलवानों की बातें सुनीं। रात को दो-ढाई बजे प्रेस कांफ्रेंस की और पहलवानों से पूछकर ही निगरानी समिति बनाई। हालांकि, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने उनके दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
खेल मंत्री क्या 3 महीने से लगातार बिजी हैं: विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने 27 अप्रैल की रात मीडिया से कहा कि खेल मंत्री ने 12 घंटे तो क्या हमें कुल 12 मिनट का भी समय नहीं दिया। बजरंग ने यह भी आरोप लगाया कि खेल मंत्री ने उस घटना के बाद से एक बार भी मिलने की जहमत नहीं उठाई। जब भी हमने कोशिश की, उनके अधिकारी यही कहते रहे कि साहब बिजी हैं। क्या साहब पिछले 3 महीने से लगातार बिजी हैं?
बजरंग पूनिया ने कहा, ‘मंत्री जी बोल रहे हैं कि उन्होंने 12 घंटे खिलाड़ियों से बात की। एक बार आप खेल मंत्री जी से पूछिए की कितनी देर बैठे रहे खिलाड़ियों के बीच। दो-चार मिनट खिलाड़ियों के बीच बैठे रहे और उनके अधिकारी खिलाड़ियों के साथ मध्यस्थता कर रहे थे।’ यह पूछे जाने पर कि अनुराग ठाकुर जी ने कहा है कि हम खिलाड़ियों से लगातार बात कर रहे थे, इस पर बजरंग पूनिया ने कहा, ‘हमारी उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है, जब से उनके घर से उठ कर आए हैं तब से अनुराग ठाकुर जी ने कोई फोन नहीं किया। हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है।’
सिर्फ बबीता को ही क्यों निगरानी समिति में शामिल किया: विनेश फोगाट
बजरंग पूनिया ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘वह बोल रहे हैं कि उन्होंने हमारे बोलने से बबीता जी को निगरानी समिति में शामिल किया है। कमेटी वालों की तो आपस में ही लड़ाई चल रही है।’ इस बीच विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमने तो 6 लोगों के नाम थे फिर एक को ही शामिल किया गया। हम तो 3-4 लोगों के नाम पर अड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ बबीता का ही नाम निगरानी समिति में क्यों डाला?’
जो खुद ही झगड़ रहे हैं, उनसे न्याय की उम्मीद कैसे करें: विनेश फोगाट
यह पूछे जाने पर कि आपने कहा है कि बबीता से निगरानी समिति की रिपोर्ट पर जबरदस्ती हस्ताक्षर (सिग्नेचर) कराए गए हैं, विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमने नहीं बोला है, बबीता जी ने खुद इंटरव्यू में बोला है कि मेरे हाथ से रिपोर्ट रिपोर्ट छीन ली। मेरे साथ बदतमीजी की। अगर कमेटी के लोग आपस में ही झगड़ रहे हैं तो वह हमारे साथ क्या न्याय करेंगे। हम उनसे क्या उम्मीद करें?’
एक लड़की के आरोप पर ही क्यों नहीं हो रहा एक्शन: बजरंग पूनिया
इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा, ‘राधिका श्रीमन ने बयान दिया है कि एक महिला खिलाड़ी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। मेरा कहने का मतलब यह है एक ने तो लगाया है ना यौन शोषण का आरोप। उसकी सजा भी तो होती होगी। वह भी तो भारत की बेटी है, क्यों जब 30 लड़कियां इकट्ठा होकर बोलेंगी तभी सजा होगी। एक की शिकायत पर तो एक्शन लीजिए, आप तो बोल रहे हैं कि खिलाड़ियों ने कोई सबूत ही नहीं दिया।’
खेल मंत्री की ओर से यह बयान आया है कि निगरानी समिति के सामने वे खिलाड़ी नहीं आए जिन्होंने पहले अपनी बात रखने का दावा किया था, इस सवाल पर बजरंग पुनिया ने कहा, ‘सभी खिलाड़ी आए हैं। 12-13 लड़कियों ने बयान दिए हैं। कुल मिलाकर 15-16 लोगों ने बयान दिए हैं कमेटी के सामने, लेकिन कमेटी के मेंबर खुद ही बता रहे हैं। बबीता ने सामने आकर बता दिया कि खिलाड़ियों के बयानों को कम करके बताया जा रहा है।’
हम हवा में तीर नहीं मार रहे हैं: विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने कहा, हमारे पास प्रूफ भी हैं कि कौन लोग थे कौन लोग नहीं थे? ऐसा ना समझें कि हम हवा में तीर लगा रहे हैं। सब चीज हमारे पास में है। जब हम मध्यस्थता कर रहे थे तो खेल मंत्री जी सिर्फ 1-2 मिनट के लिए अपना चेहरा दिखाने आ जाते थे। हमको मीटिंग के दौरान कई बार हमको डराया भी गया, लेकिन हमने डरकर कोई समझौता नहीं किया था।
विनेश फोगाट ने कहा, …तो खेल मंत्री से पूछिए कि समझौता करते समय आपने कितना टाइम खिलाड़ियों को दिया था। उन्होंने 12 मिनट टोटल भी नहीं दिए होंगे, 12 घंटे तो दूर की बात है। क्या कमेटी बनने के बाद उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं थी कि किसी खिलाड़ी को फोन करें या उसके फोन का जवाब दें। उनके अधिकारी बोलते हैं कि सर बिजी हैं, सर बिजी हैं, क्या एक महीने तक बिजी थे या 3 महीने से बिजी ही चल रहे हैं।