Wrestlers on PT Usha: 23 अप्रैल से शुरू हुए देश के पहलवानों का धरना गुरुवार को भी जारी रहा। इस धरने में क्रिकेटर, नेता और दिग्गज खिलाड़ी पहलवानों का समर्थन कर चुके हैं। इस बीच इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष और दिग्गज एथलीट पीटी उषा ने इस धरने को अनुशासनहीनता करार दिया। पीटी उषा के इस बयान ने धरने पर बैठे पहलवानों का दिल तोड़ दिया।

पीटी उषा को आदर्श मानती थीं साक्षी मलिक

जनसत्ता.कॉम से बातचीत में ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने बताया कि पीटी उषा उनकी आदर्श हैं और अपने आदर्श के मुंह से ऐसी बात सुनकर उन्हें निराशा हुई है।

उन्होंने कहा, ‘अनुशासनहीनता हमारे खून में ही नहीं है, इसी वजह से हम मेडल जीत पाते हैं, अपने देश का नाम रोशन कर पाते हैं। हम आजाद भारत का हिस्सा हैं और धरना देना हमारा अधिकार है हम ये भी न करते अगर जांच निष्पक्ष होती। मुझे उनका बयान सुनकर बहुत निराशा हुई। मैं उन्हें देखकर प्रेरित होती थीं, वह मेरी आईडल थी, बहुत बड़ी आइकन थी। मुझे दुख हुआ कि एक महिला होते हुए भी वह हमारी बात नहीं समझ सकी और हमारे साथ न्याय नहीं कर सकी।’

मैरीकॉम रेसलर्स के साथ हुई थीं भावुक

साक्षी मालिक ने यहां आईओए की कमेटी पर भी सवाल उठाए जो पहलवानों के आरोपों की जांच कर रही है। इस कमेटी में छह बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरीकॉम भी शामिल हैं। साक्षी ने बताया कि कमेटी के सामने अपनी बात रखने के बाद उन्हें न्याय का इंतजार था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

साक्षी ने बताया, ‘आईओए की कमेटी के सामने जब हमने अपनी बात रखी तो कमेटी में शामिल महिलाएं हमारे साथ भावुक हो गई थीं। उन्होंने हमारे आंसू पोछें थे, हमें सात्वना दी थी कि चुप हो जाओ, हम आपको न्याय दिलाएंगे। कहां है वह न्याय? हम बैठक से बहुत संतुष्ठ होकर आए थे, कमेटी ने हमारी बात सुनी, हमारे साथ भावुक हुए। हमें लगा कि अब हमारे साथ न्याय होगा लेकिन जो मिला वह ठीक इसका उल्टा था।

बजरंग भी हुए निराश

बजरंग पूनिया ने भी पीटी उषा के बयान पर निराशा जताई और कहा कि एक महिला खिलाड़ी होने के नाते उन्हें पहलवानों का दर्द समझना चाहिए था। उनके पास मौका और ताकत थी कि वह सच का साथ दे।