टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट यानी मांकड़िंग के बहुत बड़े समर्थक हैं। ऑफ स्पिनर ने एक बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जोस बटलर को इस तरह से आउट किया था। इसके लिए उनकी खूब आलोचना हुई थी,लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी मलाल नहीं था। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दूसरे वनडे के बाद से मांकड़िंग एक बार फिर चर्चा में है। पाकिस्तान को अंतिम ओवर में 11 रनों की जरूरत थी। फजलहक फारूकी ने नॉन-स्ट्राइकर छोर पर शादाब खान को रन आउट कर दिया था।
मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच तनाव देखने को मिला और पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम इससे काफी नाराज दिख रहे थे। उन्हें अफगानिस्तान के सीनियर क्रिकेटर मोहम्मद नबी के साथ लंबी बातचीत करते देखा गया। पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी ने अफगानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से भी मना कर दिया। मामले को लेकर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाजों को क्रीज के अंदर रहना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर वर्ल्ड कप के किसी बड़े मैच में विराट कोहली, रोहित शर्मा, स्टीव स्मिथ और जो रूट को “मांकड़िंग” कर दिया जाए तो क्या होगा?
कोहली, रोहित, स्मिथ या रूट को नॉन स्ट्राइकर पर रन आउट कर दिया जाए तो क्या होगा?
रविचंद्रन अश्विन ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “सोचिए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल या किसी क्वालिफिकेशन तय करने वाल अहम मैच में कोहली, रोहित, स्मिथ, रूट या किसी अहम बल्लेबाज को नॉन स्ट्राइकर पर रन आउट कर दिया जाए तो क्या होगा? मुझे यकीन है कि विवाद होगा। फैंस और कुछ विशेषज्ञ सवाल उठाएंगे, जो अभी भी इससे सहमत नहीं हैं।”
रविचंद्रन अश्विन ने दी बल्लेबाज को सलाह
अश्विन ने सुझाव दिया कि बल्लेबाज को क्रीज से बाहर निकलने से पहले गेंदबाज की स्ट्राइड को करीब से देखना चाहिए। उन्होंने कहा, “केवल एक ही समाधान है, बल्लेबाज कोई भी हो और स्थिति चाहे जो भी हो, बल्लेबाज को यह देखना होगा कि गेंदबाज गेंद को ऊपर उठा रहा है और कंधा घुमा रहा है और यदि वह ऐसा नहीं करता है और आउट करता है तो हमें गेंदबाज की सराहना करनी चाहिए और बल्लेबाजों को बताना चाहिए कि वह बेहतर कर सकता था।
वर्ल्ड कप जीतना जीवन भर की उपलब्धि
अश्विन ने आगे कहा, “उन्होंने अपना एक्शन पूरा नहीं किया और उन्हें 5वें 6वें ओवर में इसकी कोशिश करनी चाहिए, यह तर्क बेकार हैं क्योंकि एक बार जब गेंदबाज गेंद डालने के लिए तैयार हो जाता है, तो वह बल्लेबाज को रन आउट नहीं कर सकता क्योंकि यह नियम के अनुसार गलत है। इस समय सभी टीमें ऐसा नहीं कर रही हैं, लेकिन मुझे वास्तव उम्मीद है कि वर्ल्ड कप में हर कोई इसके लिए तैयार होगा क्योंकि नैतिकता दिखाते हुए यह कहना कि हम ऐसा नहीं करेंगे, अन्य टीमों को रणनीतिक फायदा मिलेगा। टीमों के हर मौके का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि वर्ल्ड कप जीतना जीवन भर की उपलब्धि है।”