इंतिखाब आलम। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली से सीख लेनी चाहिए और कप्तानी छोड़ देनी चाहिए ताकि वह अपनी बल्लेबाजी का आनंद ले सकें और सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक बन सकें। बाबर आजम पर बाहर के साथ-साथ अंदर से भी काफी दबाव है। मेरा निजी तौर पर मानना है कि उन्हें कप्तानी छोड़ देनी चाहिए।’ उनमें उस कैरेक्टर का अभाव है।

एक कप्तान के तौर पर खिलाड़ी को जिंदादिल होना चाहिए, लेकिन बाबर ज्यादा बात नहीं करते। मैं शायद ही उन्हें गेंदबाजों से बात करते हुए देखता हूं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके पास कोई रणनीति नहीं थी। उनके कंधे झुके हुए थे। यदि आपके गेंदबाज रन लुटा रहे हैं, तो आपको उनसे बात करने की जरूरत है। अगर प्लान ए उल्टा पड़ गया है तो उन्हें प्लान बी दें। जब चीजें गलत हो रही होती हैं तब आपको एक मजबूत कप्तान की जरूरत होती है।

बाबर के पास कोई रणनीति नहीं

क्रिकेट दिमाग लगाने वाला खेल है और एक चतुर कप्तान के पास तरकीब होनी चाहिए। अभी मुझे लगता है कि बाबर के पास कोई रणनीति नहीं है। यह मेरी व्यक्तिगत राय है कि इस टीम का नेतृत्व करने की बजाय एक बल्लेबाज के रूप में खेलना उनके लिए बेहतर होता। कोहली को देखिए उन्होंने भारत की कप्तानी छोड़ दी और इससे उनकी किस्मत बदल गई। मैंने बांग्लादेश के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी देखी। वह मुस्कुरा रहे थे। वह खुश नजर आ रहे थे। वह अपने क्रिकेट का आनंद ले रहे हैं। उनकी बैटिंग की तो बात ही क्या करें। वह काफी आश्वस्त नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि पूरी स्क्रिप्ट उनके दिमाग में थी और वह इसे पूरी तरह से अंजाम दे रहे थे। मुझे लगता है कि कप्तानी छोड़ने से उन्हें फायदा हुआ है।

जरूरी नहीं है कि एक अच्छा बल्लेबाज अच्छा कप्तान बन सके

मैं कोहली को अगले वनडे वर्ल्ड कप तक भी खेलते हुए देखता हूं। क्यों नहीं? वह फिट हैं। उनमें रन बनाने की भूख है और मुझे लगता है कि बुरा दौर उनके पीछे छूट चुका है। वे तीन साल उन सभी लोगों के लिए कठिन थे, जिन्होंने विराट की बल्लेबाजी को पसंद किया है, लेकिन अब यह अतीत की बात है। बाबर को सर्वश्रेष्ठ से सीखना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि एक अच्छा बल्लेबाज अच्छा कप्तान बन सके। 1981 में एशेज के बीच में इयान बॉथम को कप्तानी से हटा दिया गया क्योंकि वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। माइक ब्रियरली को कप्तान नियुक्त किया गया और यह इंग्लैंड के लिए वरदान साबित हुआ क्योंकि बॉथम ने अकेले ही उन्हें एशेज जीतने में मदद की। यह अभी भी एशेज क्रिकेट के इतिहास में संभवतः सबसे उल्लेखनीय वापसी में से एक है।

हमारा स्पिन विभाग सघंर्ष कर रहा

दूसरा पहलू जहां हम एक टीम के तौर पर संघर्ष कर रहे हैं वह हमारा स्पिन विभाग है। यह शायद पाकिस्तान के सबसे कमजोर स्पिन आक्रमणों में से एक है। बीच के ओवरों में गेंदबाजी हमारी खराब रही है। यदि आपके पास गुणवत्ता वाले स्पिनर नहीं हैं, तो आप भारतीय परिस्थितियों में संघर्ष करेंगे। भारत को देखें,आर अश्विन बेंच पर बैठे हैं और उन्होंने केवल एक ही मैच खेला है। उनके नाम 400 से ज्यादा विकेट हैं, लेकिन आप इसके लिए टीम प्रबंधन को दोष नहीं दे सकते। कुलदीप यादव शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं। स्पिन और ड्रिफ्ट। मुझे उम्मीद है कि मैं उन्हें टेस्ट मैच खेलते हुए देखूंगा। फिर रविंद्र जड़ेजा हैं, जो शायद इस युग के अंडररेटेड क्रिकेटर हैं। एक शानदार फील्डर,बहुत अच्छा बल्लेबाज और भारतीय परिस्थितियों में मुझे नहीं लगता कि उनसे बेहतर कोई है।

गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में निरंतरता की कमी

विश्व कप में अब तक हमारी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में निरंतरता की कमी रही है। इसके अलावा हमारे क्रिकेट में दूरदर्शिता की कमी है। आपको लंबे समय की योजना की आवश्यकता है और अभी पाकिस्तान क्रिकेट कामचलाऊ व्यवस्था पर चल रहा है। आप इस मानसिकता के साथ क्रिकेट नहीं खेल सकते। भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो हार के साथ उन्होंने अपने लिए चीजें मुश्किल कर ली हैं। भारतीय टीम बहुत मजबूत है। तीनों ही विभागों में वह पाकिस्तान से बेहतर टीम है। भारत के बल्लेबाज फॉर्म में हैं,तेज गेंदबाज असाधारण हैं,स्पिनर विश्व स्तरीय हैं। मैदान में कोई मौका नहीं दे रहे हैं। हम भारत के मुकाबले कहीं नहीं थे। मेरे लिए चिंता की बात है कि हमने बेंगलुरु में एडम जम्पा के खिलाफ कैसा प्रदर्शन किया। वह अच्छी गेंदबाजी भी नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने चार विकेट लिये। यह अच्छी गेंदबाजी नहीं बल्कि खराब बल्लेबाजी थी।

इंतिखाब आलम पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कोच हैं। उन्होंने प्रत्युष राज से बात की।