वर्ल्ड कप शुरू होने 10 दिन का समय बाकी है। इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट में बवाल मचा हुआ है। खबर है कि बाबर आजम की अगुआई वाली टीम को पिछले 4 महीने से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) से मैच फीस तक नहीं मिला। पाकिस्तान के खिलाड़ी वर्ल्ड कप में खेलने बगैर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के आ सकते हैं। टीम के रवाना होने में केवल दो दिन बचे हैं और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के साथ बातचीत के सकारात्मक नतीजे नहीं निकले हैं। वर्ल्ड कप में खिलाड़ी टीशर्ट पर बगैर स्पॉन्सर लोगो के उतर सकते हैं। इसके अलावा वे कमर्शियल प्रमोशन में भी शामिल होने से इन्कार कर सकते हैं।
क्रिकेट पाकिस्तान वेबसाइट के अनुसार पिछले चार महीनों से पाकिस्तानी क्रिकेटरों को पीसीबी से मंथली रिटेनर या मैच फीस के तौर कोई भुगतान नहीं मिला है। इससे युवा खिलाड़ियों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। वे वित्तीय परेशानी से जूझ रहे हैं। अभी तक उन्होंने चुपचाप विरोध किया है। कोई भी ऐसा कदम उठाने से परहेज किया है जो उनके असंतोष को व्यक्त कर सके। हालांकि, अब खिलाड़ी टीशर्ट पर स्पॉन्सर लोगो के बगैर खेलने पर विचार कर रहे हैं।
हम बोर्ड से जुड़े स्पॉन्सर्स को प्रमोट क्यों करें
क्रिकेट पाकिस्तान वेबसाइट के अनुसार नाम न छापने की शर्त पर एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा, “हम मुफ्त में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के इच्छुक हैं, लेकिन हमारा सवाल यह है कि हम बोर्ड से जुड़े स्पॉन्सर्स को प्रमोट क्यों करें । इसी तरह, हम प्रमोशन और अन्य इवेंट में हिस्सा लेने से इन्कार कर सकते हैं। विश्व कप के दौरान, हम आईसीसी के कमर्शियल प्रमोशन और अन्य गतिविधियों में भी शामिल नहीं होंगे।”
क्या है प्रस्तावित अनुबंध
क्रिकेट पाकिस्तान ने अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रस्तावित अनुबंध में तीनों प्रारूपों में शीर्ष क्रिकेटरों को 4.5 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की मासिक रिटेनर फीस की पेशकश की गई थी। हालांकि, खिलाड़ियों का मानना है कि कर और अन्य कटौतियों के बाद, उन्हें केवल 2.2 से 2.3 मिलियन पाकिस्तानी रुपये के आसपास ही प्राप्त होंगे। यही कारण है कि वे और बढ़ोतरी पर जोर दे रहे हैं।
क्या चाहते हैं खिलाड़ी
खिलाड़ी अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और प्रायोजकों से पीसीबी को मिलने वाले राजस्व में हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि आईसीसी रिवेन्यू शेयरिंग मॉडल के तहत बोर्ड को पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल), स्पॉन्सरशिप या द्विपक्षीय सीरीज को छोड़कर, लगभग 9.8 बिलियन रुपये मिलते हैं। यहां तक कि सभी केंद्रीय अनुबंधों का हिसाब लगाने पर भी भुगतान एक अरब रुपये से कम होगा, जो कि बोर्ड को आईसीसी राजस्व बंटवारे से मिलने वाली राशि से 10% कम है।
मुद्दे को तुरंत हल करना जरूरी
इसके विपरीत पीसीबी सूत्रों का कहना है कि हो सकता है खिलाड़ियों के एजेंट उनको प्रभावित कर रहे हों। बोर्ड के दृष्टिकोण से वे उचित सौदे की पेशकश कर रहे हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विश्व कप भारत में होना है और वहां उठाया गया कोई पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकती है। इसलिए इस मुद्दे को तुरंत हल करना जरूरी है।