टीम इंडिया के वर्ल्ड कप स्कवाड में रविचंद्रन अश्विन को वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली। अक्षर पटेल चोटिल हो गए और उनकी जगह दिग्गज स्पिनर को टीम में शामिल कर लिया गया। इससे चिंतित ऑस्ट्रेलिया की टीम को ‘डुप्लिकेट अश्विन’ की याद आई। बड़ौदा के ऑफ स्पिनर महेश पिठिया का एक्शन हूबहू रविचंद्रन अश्विन से मिलता है। यही कारण है कि कंगारू टीम इस साल की शुरुआत में भारत दौरे पर आई थी तब उसने 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले पिठिया की सेवाएं ली थी।
हालांकि, वर्ल्ड कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया को महेश पिठिया की सेवाएं नहीं मिल पाएंगी। पिठिया ने कंगारू टीम का ऑफर ठुकरा दिया है। स्पोर्टस्टार के अनुसार पैट कमिंस की अगुआई वाली टीम के साथ प्रितेश जोशी साइड आर्मर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह महेश पिठिया के दोस्त हैं। महेश एक दिन ट्रेनिंग सेशन से घर लौटे तो उनका फोन आया। बातचीत कुछ मिनटों तक चली। उनके दोस्त ने पिठिया को अपना बैग पैक करने और जल्द से जल्द तिरुवनंतपुरम पहुंचने के लिए कहा।
महेश पिठिया ने बदला मन
अक्षर पटेल की जगह रविचंद्रन अश्विन के टीम इंडिया के साथ जुड़ने के कुछ समय बाद ही महेश पिठिया को उनके दोस्त का फोन आया था। इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान एक सहायक गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ काम करने के बाद पिथिया को माहौल की अच्छी जानकारी थी। वह ऑस्ट्रेलियाई कैंप से जुड़ना भी चाह रहे थे, लेकिन बड़ौदा के गेंदबाजी कोच एस. अरविंद से सलाह के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया।
महेश पिठिया ने क्या कहा?
महेश पिठिया ने बताया, “यह निश्चित रूप से बेहतरीन प्रस्ताव था, लेकिन फिर मैं अगले महीने से शुरू होने वाले घरेलू सीजन के लिए बड़ौदा सेट-अप का भी हिस्सा हूं। इसलिए मैंने इसके बारे में सोचा, हमारे कोच से बात की और उन्हें सूचित किया कि इस बार कैंप में शामिल होना मेरे लिए संभव नहीं होगा।”
महेश पिथिया शुरू में ऑस्ट्रेलिया की योजना में नहीं थे
हालांकि, महेश पिथिया शुरू में ऑस्ट्रेलिया की योजना में नहीं थे, लेकिन उन्हें कुछ हफ्ते पहले ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ सूचित किया गया था कि अगर अश्विन टीम में जगह बनाते हैं, तो उन्हें मौका मिल सकता है। पिठिया ने बताया, “जैसे ही बीसीसीआई ने अश्विन को अक्षर के रिप्लेसमेंट घोषित किया, मुझे फोन आया। अंतरराष्ट्रीय टीमों के साथ काम करना हमेशा रोमांचक होता है, लेकिन मेरी प्राथमिकता घरेलू क्रिकेट है। मैं बड़ौदा के लिए खेलने के कारण यहां तक आया हूं और लंबे सीजन से पहले, मैंने सोचा कि मुझे अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए और ऑस्ट्रेलियाई टीम से नहीं जुड़ना चाहिए।”