किशोर सनसनी अदिति गोपीचंद स्वामी ने 5 अगस्त 2023 को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में विश्व कप-युग (2006 और उसके बाद) में सबसे कम उम्र की विश्व तीरंदाजी चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। अदिति गोपीचंद स्वामी विश्व चैंपियनशिप के किसी एक सीजन में 2 स्वर्ण पदक जीतने वालीं दुनिया की पहली तीरंदाज भी बनीं। अदिति अंडर-18 (कैडेट वर्ग) आयु वर्ग में भी मौजूदा विश्व चैंपियन हैं।

ओजस प्रवीण देवताले ने हासिल किया 150 में से 150 का सटीक स्कोर

अदिति के बाद पुरुष कंपाउंड वर्ग में भारत के ओजस प्रवीण देवताले ने 150 में से 150 के सटीक स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। ओजस प्रवीण देवताले ने पोलैंड के लुकाज प्रिजीबिल्स्की को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह पुरुष कंपाउंड में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बने।

अदिति ने 4 अगस्त 2023 को भी रचा था इतिहास

अदिति गोपीचंद स्वामी और ओजस प्रवीण देवताले दोनों सतारा में एक ही अकादमी में कोच प्रवीण सावंत की देखरेख में प्रशिक्षण लेते हैं। सतारा की 12वीं कक्षा की छात्रा अदिति ने जुलाई में लिमरिक में युवा चैंपियनशिप में अंडर-18 का खिताब जीता था। अदिति ने परनीत कौर और ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ शुक्रवार 4 अगस्त 2023 को कंपाउंड महिला टीम का फाइनल जीतकर भारत के लिए पहली बार विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक हासिल किया था।

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ओजस प्रवीण देवताले ने शानदार तरीके से अपना अभियान पूरा किया। उन्होंने बर्लिन में 2023 विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में कंपाउंड पुरुष वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। (सोर्स- ट्विटर/@worldarchery)

भारतीय तीरंदाजों ने जीते 3 स्वर्ण और एक कांस्य

ओजस प्रवीण देवताले और अदिति गोपीचंद स्वामी के स्वर्ण पदक की बदौलत भारत ने इस विश्व चैंपियनशिप में अपने अभियान का अंत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ किया। भारत ने इस विश्व चैंपियनशिप में 3 स्वर्ण और 1 कांस्य पदक जीते। पांच अगस्त 2023 को महिला वर्ग में अदिति के अलावा ज्योति सुरेखा ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

ओलंपिक में नहीं होती कंपाउंड वर्ग की स्पर्धाएं

विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप 1931 में शुरू हुई थी। हालांकि, हालांकि कंपाउंड वर्ग की स्पर्धाएं 1995 से हो रही हैं। हालांकि, ओलंपिक में कंपाउंड वर्ग शामिल नहीं है। भारत की 17 साल की अदिति गोपीचंद स्वामी ने विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप 2023 में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक भी जीता।

अदिति सबसे कम उम्र में बनीं सीनियर वर्ग में विश्व चैंपियन

जूनियर विश्व खिताब जीतने के दो महीने से भी कम समय में अदिति गोपीचंद स्वामी ने कंपाउंड महिला फाइनल में मैक्सिको की एंड्रिया बेसेरा को हराकर सबसे कम उम्र में सीनियर विश्व चैंपियन बनीं। अदिति गोपीचंद स्वामी इस स्पर्धा में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं।

महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले शांत और धैर्यवान ओजस प्रवीण देवताले ने रोमांचक फाइनल में पोलैंड के लुकाज प्रिजीबिल्स्की को 1 अंक से हराया। कंपाउंड वर्ग में भारतीय तीरंदाजों ने जहां शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, ओलंपिक में शामिल रिकर्व वर्ग के तीरंदाज पूरी तरह से असफल रहे और खाली हाथ लौटे।

अदिति ने फाइनल में संभावित 150 में से 149 अंक के साथ मैक्सिको की खिलाड़ी को पछाड़ा। चैंपियनशिप की 16वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एंड्रिया ने फाइनल में पहुंचने के क्रम में कई दिग्गजों को हराया था। इसमें प्री-क्वार्टर फाइनल में मौजूदा चैंपियन सारा लोपेज को मात देना भी शामिल है। एंड्रिया को फाइनल में छठी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी से शुरुआत से ही कड़ी चुनौती मिली।

अदिति के शुरुआती तीनों तीर से निशाने के केंद्र में लगे। इससे उन्होंने पहले दौर में 30-29 की बढ़त बनाई। उन्होंने लय जारी रखते हुए अगले तीन दौर में इस प्रदर्शन को दोहराया और तीन अंक की बढ़त बनाई। आखिरी दौर में उन्होंने 9 अंक का एक निशाना लगाया, जबकि बाकी 2 से 10-10 अंक बटोर कर कुल 149 अंक जुटाए। एंड्रिया 147 अंक ही बना पाईं।