चरनपाल सिंह सोबती: एक और आइसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप शुरू हो रहा है। टीमों के जोश और उनकी क्रिकेट को चाहने वालों की उम्मीद का ग्राफ एकदम ऊपर जा रहा है। आस्ट्रेलिया से लेकर बांग्लादेश तक, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें पांच साल की अपनी तैयारी के बाद अब आखिरी मुकाबले के लिए तैयार हैं। यह ठीक है कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ी है।

इसकी तरफ ध्यान दिया जा रहा है पर अभी भी यह मानने वालों की कमी नहीं कि व्यापारिक कामयाबी और मुनाफा पुरुष क्रिकेट के विश्व कप को ज्यादा मिलता है जबकि यह महिला क्रिकेट को समान महत्त्व नहीं दिए जाने का नतीजा है।

अगर पुरुष क्रिकेट में 1975 में विश्व कप शुरू हो सका तो उसके लिए प्रेरणा कौन था? विश्वास कीजिए- महिला क्रिकेट में विश्व कप उससे भी दो साल पहले खेला गया था। यही महिला विश्व कप प्रेरणा बना था और पुरुष 1975 में खेले। वैसे तो क्रिकेट में और भी कई ऐसी बातें हैं जिनमें महिलाएं आगे रहीं और प्रेरणा बनीं पर विश्व कप की शुरुआत का कोई मुकाबला नहीं।

आखिरकार महिला क्रिकेट के लिए भी किसने सबसे पहले सोचा? 1971 की बात है। ईस्टबोर्न में इंग्लैंड की महिला क्रिकेट कप्तान रशेल हेहो फ्लिंट एक मुलाकात में, उस समय के एक रईस जैक हेवर्ड के साथ चर्चा कर रही थीं कि महिला क्रिकेट को कैसे और मजबूत किया जाए? उसी में यह बात सामने आई कि इसका विश्व टूर्नामेट फीफा के विश्व कप की तरह हो।

इसके लिए पैसा कहां से आएगा- इस सवाल के जवाब में हेवर्ड ने कहा कि अगर इंग्लैंड में हो तो वे 40,000 पौंड की रकम देंगे। उस समय यह बहुत बड़ी रकम थी। तो इस तरह पहला टूर्नामेंट 1973 में इंग्लैंड में हुआ। मेजबानी का और कोई दावेदार था ही नहीं।

वैसे शुरुआत बड़ी अशुभ थी- बारिश के कारण विश्व कप का पहला ही मैच (केव ग्रीन में) खेला ही नहीं जा सका। 1973 विश्व कप में 7 टीम- इंग्लैंड, यंग इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, जमैका, न्यूजीलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो और एक इंटरनेशनल इलेवन खेलीं।

दक्षिण अफ्रीका को भी बुलाने की बात हुई थी लेकिन उस समय दुनिया के कई देशों में उसकी रंगभेद नीति का विरोध चल रहा था। उसे बुलाने से कोई गड़बड़ न हो- इसलिए उसे नहीं बुलाया। हां, पांच दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को इंटरनेशनल इलेवन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया। बाद में, डर से इस निमंत्रण को भी वापस ले लिया गया।

वह 14 जून 1973 का दिन था, जब विश्व कप की औपचारिक शुरुआत हुई- टीमों की परेड से। खूबसूरत सिल्वर ट्राफी बनाई गई और जब पहली बार इस ट्राफी को दिखाया गया तो इसके बगल में हेवर्ड खड़े थे। यह एक ऐसी विरासत की शुरुआत थी जो धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही। मैच 20 जून और 28 जुलाई 1973 के बीच खेले गए। पहला विश्व कप इंग्लैंड ने जीता- 28 जुलाई को एजबेस्टन में आस्ट्रेलिया को फाइनल में हराया था।

एक और खास बात यह कि विश्व कप मैचों में पहला शतक किसी पुरुष क्रिकेटर ने नहीं, महिला क्रिकेटर ने बनाया था। एनिड बेकवेल (101नाबाद) और लिन थामस (134) ने इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर, ब्राइटन में इंटरनेशनल इलेवन के विरुद्ध अविजित शतक बनाए और साथ में 246 रन की साझेदारी की पहले विकेट के लिए।