IND W vs PAK W: वुमेंस टी20 वर्ल्ड कप 2023 में इंडिन वुमेंस क्रिकेट टीम का रविवार को पाकिस्तान से सामना होगा। इस दौरान शैफाली वर्मा और ऋचा घोष पर निगाहें होंगी। हाल ही भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीता। शैफाली इस टीम की कप्तान थीं और ऋचा भी इस टीम का हिस्सा थीं। दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी समानताएं हैं। दोनों अपने पिता के सपनों को संजो रही हैं। उन्होंने अपना अधिकांश बचपन अपने क्रिकेट देखने और अपने पिता से कहानियां सुनने में बिताया।
रोहतक में आर्थिक तंगी के कारण शैफाली वर्मा के पिता संजीव क्रिकेटर बनने का सपना पूरा नहीं कर पाए, जबकि सिलीगुड़ी की रहने वाली ऋचा घोष के पिता मनबेंद्र घोष ने क्लब लेबल से आगे नहीं खेल पाए। दिलचस्प बात यह है कि शैफाली वर्मा और ऋचा घोष का क्रिकेट का सफर मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को देखने के बाद शुरू हुआ।
सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी की वजह से क्रिकेटर बनीं
शैफाली वर्मा ने क्रिकेटर बनने का सपना तब शुरू हुआ जब उन्होंने लाहली में सचिन तेंदुलकर का आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच देखा। वहीं ऋचा ने 2011 में धोनी का वर्ल्ड कप विनिंग सिक्स देखकर क्रिकेटर बनने का सपना देखा। लगभग तीन साल पहले खचाखच भरे मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय टीम का महिला टी20 विश्व कप जीतने का सपना टूट गया था, लेकिन अब वो अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी हैं।
पावर-हिटिंग शैफाली वर्मा और ऋचा घोष की ताकत
शैफाली वर्मा और ऋचा घोष पावर-हिटिंग की वजह से अपने अपने कोच अश्विनी कुमार और शिब शंकर पॉल का ध्यान खींचा। ऋचा घोष के कोच शिब शंकर पॉल ना द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “ऋचा मनमर्जी से छक्के लगा सकती हैं। वह बस खड़े खड़े मैदान से बाहर गेंद मार सकती हैं। उसकी ताकत बहुत स्वाभाविक है। वर्तमान में वह इस भारतीय क्रिकेट टीम की क्लिन हिटर हैं। वह धोनी को उनकी छक्के मारने की क्षमता के कारण पसंद करती हैं।”
2020 का जख्म अभी भरा नहीं है
शैफाली वर्मा के पिता का मानना है कि उनकी बेटी अंडर-19 वर्ल्ड कप की सफलता को सीनियर टीम के साथ दोहराएंगी। संजीव ने कहा, “2020 का जख्म अभी भरा नहीं है, लेकिन अंडर-19 का खिताब जीतना शैफाली के लिए एक बड़ा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था। उन्हें जीत का स्वाद चख लिया है। किसी भी एथलीट के लिए जीतने की आदत से बड़ी कोई चीज नहीं होती। यह एक टीम मैच है और मेरा मानना है कि प्रतिभा और गहराई को देखते हुए यह भारतीय टीम आगे बढ़ सकती है।” अश्विनी कुमार और शिब शंकर पॉल इस बात से चिंतित हैं कि शैफाली वर्मा और ऋचा घोष हर गेंद पर छक्का लगाने की कोशिश करती हैं।