विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाएंगी। भारतीय पहलवान बुधवार 7 अगस्त 2024 की सुबह वजन घटाने में विफल रहीं। यदि वह वजन घटाने में सफल रहतीं तो 50 किलोग्राम भार वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले में हिस्सा ले पातीं।
वजन घटाने का क्या मतलब है?
पहलवानों, मुक्केबाजों और काम्बैट (जिसमें खिलाड़ी भिड़ते हैं) खेलों के एथलीट्स की वजन श्रेणियां होती हैं। इन श्रेणियों में नियम हैं कि उस वजन से अधिक वाले एथलीट्स को उस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं है। इसके पीछे का मकसद है कि कोई बड़ा (अधिक वजन वाला) एथलीट किसी छोटे (कम वजन वाले) एथलीट के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करे। हालांकि, कभी-कभी एथलीट वजन घटाने का विकल्प चुनते हैं, यानी प्रतियोगिता से पहले एक निश्चित संख्या में तेजी से वजन घटाना। काम्बैट खेलों में यह काफी आम बात है।
पहलवान कब अपना वजन मापते हैं?
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के ओलंपिक वजन-मापन नियमों के अनुसार, पहलवानों को प्रतियोगिता की सुबह अपना वजन मापना होता है। प्रतियोगिता के पहले दिन वजन माप से पहले, पहलवान को अपना लाइसेंस और मान्यता लेकर मेडिकल जांच के लिए उपस्थित होना होता है और साथ ही सिंगलेट पहनना होता है।
पहले दिन वजन माप की अवधि 30 मिनट होती है। इस दौरान पहलवान कई बार अपना वजन माप सकता है। दूसरे दिन (यदि लागू हो) तो पहलवान के पास वजन मापने के लिए 15 मिनट होते हैं। यह भी प्रतियोगिता की सुबह ही किया जाता है।
विनेश फोगट के लिए वजन कम करना क्यों मुश्किल रहा?
विनेश को हमेशा 50 किग्रा वर्ग के लिए वजन कम करने में संघर्ष करना पड़ा है। हाल ही में 50 किग्रा में स्विच करने से पहले वह 53 किग्रा भार वर्ग में हिस्सा ले रही थीं। यह स्विच एनआईएस पटियाला में ट्रायल के दौरान किया गया था। विनेश फोगाट का सामान्य वजन लगभग 55-56 किग्रा होता है।
इस वजन को उन्हें प्रतियोगिता के दिन 50 किग्रा तक कम करना होता है। अपने शरीर के वजन को 55-56 किग्रा से कम रखना काफी कठिन साबित हुआ है और पसीना बहाकर पानी का वजन कम करना विनेश फोगाट के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है।
पहले दिन वजन कराने के बावजूद क्यों अयोग्य घोषित हुईं विनेश फोगाट?
UWW के नियमों के अनुसार, एक एथलीट को प्रतियोगिता के हर दिन वजन मापने की आवश्यकता होती है। चूंकि ओलंपिक में कुश्ती की स्पर्धाएं दो दिन तक चलती है, इसलिए विनेश फोगाट को दोनों दिन 50 किलोग्राम या उससे कम वजन रखना आवश्यक था। चूंकि वह दूसरे दिन ऐसा नहीं कर पाईं, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
UWW के अनुसार, ‘यदि कोई एथलीट वजन मापने (पहला या दूसरा वजन मापने) में शामिल नहीं होता है या असफल रहता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। यदि कोई एथलीट पहले दिन घायल हो जाता है तो उसे दूसरे दिन वजन कराने की जरूरत नहीं होती है। ऐसी स्थिति में वह जिस नतीजे तक पहुंच चुका होता है वह मान्य रहता है।’
विनेश फोगाट के मामले में, उन्हें रजत पदक मिलता। हालांकि, अगर कोई एथलीट प्रतियोगिता के पहले दिन के बाद घायल होता है तो उसे UWW के अनुसार दूसरी बार वजन कराना होगा। नियमानुसार, ‘प्रतियोगिता के पहले दिन के बाद और प्रतियोगिता से बाहर होने वाली अन्य सभी प्रकार की चोटों या बीमारियों के लिए, संबंधित एथलीट को दूसरे वजन-माप में हिस्सा लेना होगा, अन्यथा उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा।’
ओलंपिक पहलवानों को दो दिन क्यों कराना पड़ता है वजन?
ओलंपिक में शुरुआती दौर से सेमीफाइनल तक के मुकाबले पहले दिन होते हैं। अगले दिन स्वर्ण पदक और रेपेचेज दौर के मुकाबले होते हैं। अगर किसी ओलंपिक पहलवान का दूसरे दिन मैच होता है, तो उन्हें दूसरे दिन फिर से वजन-माप करवाना होता है, क्योंकि वे उस दिन भी प्रतिस्पर्धा करेंगे।
ओलंपिक पहलवानों को 2 दिन क्यों कराना पड़ता है वजन?
ओलंपिक में शुरुआती दौर से सेमीफाइनल तक के मुकाबले पहले दिन होते हैं। अगले दिन स्वर्ण पदक और रेपेचेज दौर के मुकाबले होते हैं। अगर किसी ओलंपिक पहलवान का दूसरे दिन मैच होता है, तो उन्हें दूसरे दिन फिर से वजन-माप करवाना होता है, क्योंकि वे उस दिन भी प्रतिस्पर्धा करेंगे।
क्या दो दिन वजन-माप हमेशा नियम था?
नहीं। 2017 में, UWW ने ओलंपिक कुश्ती के प्रारूप को बदल दिया। ओलंपिक आयोजन समिति ने एक दिन में भार वर्ग की सभी प्रतियोगिताएं आयोजित करने के बजाय दो-दिवसीय प्रणाली अपनाई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि एथलीट एक दिन में बहुत ज्यादा वजन कम करके प्रतिस्पर्धा न करें।
पहले दिन 50 KG वजन होने के बाद दूसरे दिन कैसे 2 किलो बढ़ सकता है पहलवान का वजन?
अधिकांश पहलवान प्रतियोगिता से पहले के आखिरी कुछ दिनों में वजन घटाने के बहुत ज्यादा उपाय अपनाते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट नहीं लेना, पानी नहीं पीना और अधिक व्यायाम करना शामिल है। शरीर का वजन तेजी से कम करने का मुख्य तरीका शरीर में पानी कम करना है। कई काम्बैट एथलीट अक्सर सौना का इस्तेमाल करने और खुद को ढककर व्यायाम करने की कोशिश करते हैं ताकि शरीर से ज्यादा से ज्यादा पसीना निकले।
दो दिवसीय ओलंपिक कुश्ती के मामले में, विनेश फोगट का वजन पहले दिन 50 किलो था और वह प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम थी। लेकिन दिन भर में, उन्होंने जो अपना 2 किलो वजन कम किया था वह फिर बढ़ गया। फिर उन्होंने प्रतियोगिता के बाद पहले दिन से लेकर दूसरे दिन की सुबह के वजन मापने तक का पूरा समय अपने शरीर को हल्का करने की कोशिश में बिताया, लेकिन कुछ ग्राम से चूक गईं।