जेमिमा रोड्रिग्स की शानदार नाबाद 127 रन की पारी की बदौलत भारत ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को डीवाई पाटिल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई। जीत के लिए 339 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत बहुत खराब रही। प्रतिका रावल की जगह टीम में शामिल शैफाली वर्मा दूसरे ओवर में आउट हो गईं। फिर स्मृति मंधाना 24 गेंद पर 24 रन और रोड्रिग्स ने भारत की पारी संभाला।
स्मृति लय में नहीं दिख रही थीं, लेकिन तीन मैचों में दूसरी बार तीसरे नंबर पर प्रमोट की गईं रोड्रिग्स ने शुरू से ही ताबड़तोड़ बैटिंग की। उन्होंने न सिर्फ स्ट्राइक रोटेट करके स्कोर बोर्ड चलाना जारी रखा बल्कि समय-समय पर बाउंड्री भी लगाया, जिससे भारतीय टीम पर रन रेट का दबाव नहीं आया। इस जोड़ी ने दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े। मंधाना दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हो गईं।
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ऑस्ट्रेलिया के सामने जेमिमा चट्टान की तरह खड़ी रह गईं
इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर 88 गेंद पर 89 रन ने जेमिमा के साथ 167 रन की साझेदारी करके भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। हरमन के आउट होने के बाद दीप्ति शर्मा 17 गेंद पर 24 और ऋचा घोष 16 गेंद पर 26 रन ने अच्छी पारी खेली। अहम समय पर दोनों का विकेट गिरने से लगा भारत के हाथ मैच फिसल सकता है, लेकिन एक तरफ से जेमिमा चट्टान की तरह ऑस्ट्रेलिया और फाइनल के बीच खड़ी रह गईं। विजयी शॉट अमनजोत कौर 8 गेंद पर 15 रन ने लगाया।
शून्य से शतक तक जेमिमा का सफर
भारत की इस ऐतिहासिक जीत का सेहरा जेमिमा रोड्रिग्स के सिर सजना किसी सपने से कम नहीं है। मुंबई की इस खिलाड़ी ने शन्यू पर आउट होकर वर्ल्ड कप की खराब शुरुआत की। लीग स्टेज में इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें बेंच पर बैठाया गया, लेकिन जब वापसी का मौका मिला तो उन्होंने नंबर-3 पर न्यूजीलैंड के खिलाफ अर्धशतक जड़कर अपनी जगह पक्की कर ली। अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक ठोककर भारत को वनडे क्रिकेट में अपना सबसे बड़ा स्कोर चेज करने मदद की और खिताब जीतने के करीब पहुंचा दिया।
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बहुमुखी प्रतिभा की धनी जेमिमा
मुंबई के भांडुप में जन्मीं जेमिमा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। क्रिकेट के अलावा वह हॉकी, बास्केटबॉल और फुटबॉल में भी हाथ आजमा चुकी हैं। उन्होंने महज 13 साल की उम्र में मुंबई की महिला अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह बना ली थी। उन्होंने 18 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने अपने टी20 विश्व कप के पहले ही मैच में अर्धशतक जड़ा था।
नेशनल लेवल की हॉकी प्लेयर
रोड्रिग्स ने 2012-13 सीजन में मुंबई अंडर-19 क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले स्कूल लेवल तक बास्केटबॉल और फुटबॉल खेला। क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला करने से पहले वह नेशनल लेवल की हॉकी प्लेयर भी थीं। 2017 में वह स्मृति मंधाना के बाद घरेलू अंडर-19 वनडे ट्रॉफी में डबल सेंचुरी बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं। उन्होंने सौराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 202 रन बनाए।
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ऐसे बनाई भारतीय टीम में जगह
रोड्रिग्स ने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट में 112.56 के औसत से 1000 से ज्यादा रन बनाए और अपनी ऑफ स्पिन से 19 विकेट लिए। इसके अलावा चैलेंजर ट्रॉफी और इंडिया ए के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया। इन सबका नतीजा यह हुआ कि उन्हें 2018 की शुरुआत में साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भारत की वनडे टीम में पहली बार चुना गया। उसी साल बाद में उन्होंने अपने टी20 वर्ल्ड कप डेब्यू में अर्धशतक जड़ा।
परिवार के फैसले को सही साबित किया
2018 की शुरुआत में रोड्रिग्स के भारत के लिए वनडे और टी20 में डेब्यू ने परिवार के बेहतर खेल सुविधाओं के लिए मुंबई के मध्य में स्थित भांडुप से पश्चिम में स्थित बांद्रा शिफ्ट होने के फैसले को सही साबित किया। उनके पिता इवान ने क्रिकेट का गुर सिखाते हैं।

