राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा नाम है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। भारतीय क्रिकेट टीम में दीवार (द वाल) और ‘मिस्टर डिपेंडेबल’ के नाम से मशहूर इस पूर्व दिग्गज बल्लेबाज के नाम बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं। उन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी एक अलग छवि बनाई है। जब द्रविड़ मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरते थे तब अच्छे-अच्छे गेंदबाजों की हालत खराब हो जाती थी। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद द्रविड़ अब युवाओं पर फोकस कर रहे हैं। इन दिनों द्रविड़ इंडिया – ए और भारतीय अंडर 19 टीम के मुख्य कोच हैं। अपनी शानदार कोचिंग से द्रविड़ ने भारतीय टीम को पृत्वी शॉ, श्रेयस अय्यर, शुभमान गिल, करुण नायर, विजय शंकर जैसे कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए हैं।
हर युवा खिलाड़ी चाहता है कि वो किसी अच्छे कोच के मार्गदर्शन में अपना करियर बनाए। ऐसे में राहुल द्रविड़ से अच्छा कोच कौन हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए युवा खिलाड़ी संजु सैमसन ने बताया “राहुल सर उस खिलाड़ी की मदद करते हैं जिसे सबसे ज्यादा जरुरत होती है। उन्हें वो लोग बहुत पसंद हैं जो अच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन वे उन खिलाड़ियों को समय देते हैं जो अच्छे फॉर्म में नहीं हैं। राहुल सर इस बात का हमेशा ख्याल रखते हैं कि ड्रेसिंग रूम का माहौल हल्का रहे। वे खिलाड़ियों को उनकी आजादी से काम करने का मौका देते हैं। जब कोई खिलाड़ी अच्छे फॉर्म से न गुजर रहा हो तब द्रविड़ सर उस खिलाड़ी को ज्यादा प्रैक्टिस कराने की वजाय ब्रेक पर भेज देते हैं। वो कहते हैं तुम्हे प्रैक्टिस करने की जरुरत नहीं है अपना ध्यान क्रिकेट के अलावा कहीं और लगाओ कुछ दिन छुट्टी पर जाओ। जब तुम छुट्टी के बाद वापस आओगे तो एक फ्रेश प्लैटफॉर्म मिलेगा।
संजू ने बताया “द्रविड़ सर ने ऐसा ही कुछ आईपीएल के दौरान करुण नायर के साथ किया था। प्रैक्टिस के दौरान करुण नायर अच्छे फॉर्म में नहीं थे। जब सभी खिलाड़ी आईपीएल के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। द्रविड़ सर ने करुण को बल्ला छूने से मना कर दिया और कुछ दिन छुट्टी पर जाने को कहा। करुण छुट्टी पर चला गया। वो वापस आया और उस साल आईपीएल में दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा रन करुण नायर ने बनाए। संजू ने बताया द्रविड़ का उनके करियर में भी बहुत प्रभाव है। आईपीएल के दौरान जब मैं राजस्थान रॉयल की तरफ से खेल रहा था तब वो मेरे कोच थे। शुरुआत के तीन से चार मैच में मैं फैल हो गया। मुझे अच्छे से याद है उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मेरा वीडियो दिखाते हुए बताया कि मैं क्या गलतियां कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने अपना स्टैंड और बैट लिफ्ट बदला है। सीजन के बीच में उन्होंने मेरी गलतियों सुधारा और मेरा फॉर्म वापस आ गया। उन्होंने मेरा बैलेंस, स्टान्स और ग्रिप बदलने में मदद की जिस से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। इसके अलावा मैंने आईपीएल के सारे मैच खेले और मुंबई के खिलाफ अहम मैच में मैंने 46 गेंदों में 76 रन की पारी खेली।