सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के चुनावों पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय की ओर से लगाई गई रोक हटा दी है। पिछले महीने (जून 2023 में) रविवार को एक विशेष सुनवाई में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ की ओर से दायर याचिका को सुनते हुए चुनावों पर रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति एसवी भट्टी की पीठ ने आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ की याचिका पर नोटिस भी जारी किया और उच्च न्यायालय की ओर से पारित अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी।
गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अधिवक्ता अनुज त्यागी के माध्यम से दायर याचिका में आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीसरे पक्ष की याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा चुनावों पर रोक लगा दी गई थी।
आंध्र प्रदेश एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनावों को फिर से पुनर्निर्धारित करना पड़ा, जबकि विभिन्न राज्यों के बीच विवाद सुलझ गए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को रोक बढ़ा दी थी।
बता दें कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wrestling Federation Of India) के चुनाव 11 जुलाई को होने थे, लेकिन गुवाहाटी हाई कोर्ट में दायर याचिका में असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) ने दावा किया था कि वह मतदान के अधिकार के साथ WFI का सदस्य बनने का भी हकदार है, लेकिन 15 नवंबर 2014 को कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद राष्ट्रीय महासंघ ने उसे मान्यता देने से इंकार कर दिया था।
बृजभूषण सिंह की अध्यक्षता में पारित हुआ था प्रस्ताव
असम कुश्ती संघ को संबद्धता देने का प्रस्ताव रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की अध्यक्षता में 2014 में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में पारित किया गया था। बृजभूषण शरण सिंह पर वर्तमान में कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
विनेश, साक्षी, बजरंग ने दिया था बृजभूषण के खिलाफ धरना
मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इससे पहले ओलंपियन विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत देश के कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था।