इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने 18 मार्च 2024 को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का कामकाज देखने के लिए बनाई गई तदर्थ समिति को भंग कर दिया था और डब्ल्यूएफआई पर से भी निलंबन हटा लिया था। आईओए (IOA) के इस फैसले को भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और उनके करीबी तथा रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के नए अथ्यक्ष संजय सिंह की जीत के रूप में देखा गया।
इसके बाद बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठने वाले ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक का गुस्सा फूट पड़ा। साक्षी मलिक ने जहां इसे ताकतवर लोगों द्वारा महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ करना करार दिया। वहीं विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिलाओं को ढाल बनाकर इस्तेमाल नहीं करने की मांग कर डाली।
प्रधानमंत्री जी स्पिन मास्टर हैं: विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने माइक्रो ब्लागिंग साइट X पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी स्पिन मास्टर हैं, अपने प्रतिद्विंदियों के भाषणों का जवाब देने के लिए “महिला शक्ति” का नाम लेकर बात को घुमाना जानते हैं। नरेंद्र मोदी जी, हम महिला शक्ति की असल सच्चाई भी जान लीजिए। महिला पहलवानों का शोषण करने वाला बृजभूषण फिर से कुश्ती पर काबिज हो गया है। उम्मीद है कि आप महिलाओं को बस ढाल बनाकर इस्तेमाल नहीं करेंगे, बल्कि देश की खेल संस्थाओं से ऐसे अत्याचारियों को बाहर करने के लिए भी कुछ करेंगे।’ ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट की इस पोस्ट को अपनी वाल पर भी शेयर किया।
दुराचारी सरकार, संविधान और न्यायपालिका सबसे ऊपर: साक्षी मलिक
इससे पहले साक्षी मलिक ने आईओए के उस पत्र को शेयर करते हुए लिखा था, जिसमें डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटाने की बात कही गई थी साक्षी मलिक ने लिखा, ‘आज 21वी सदी में हमने हिम्मत दिखाकर एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और पूरी जी जान लगाकर संघर्ष किया ताकि भारतीय कुश्ती संघ से दुराचारी लोगों को हटाया जा सके और महिला पहलवान सुरक्षित महसूस करे। लेकिन संपन्न दुराचारी इतना ताकतवर है कि वह सरकार, संविधान और न्यायपालिका सबसे ऊपर है।’
साक्षी मलिक ने यह भी लिखा, ‘सरकार द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के बाद बृजभूषण व संजय सिंह लगातार ये बयान देते रहे कि ये निलंबन सिर्फ एक दिखावा है, कुछ दिन बाद हम बहाल हो जाएंगे और सदा के लिए हमारा ही कुश्ती संघ पर कप्जा रहेगा। यह बात सच साबित हुई और भारतीय ओलंपिक संघ के इस लेटर ने इस बात पर आधिकारिक रूप से मुहर लगाकर यह साबित कर दिया कि बधाई हो इस नये भारत में भी नारियों के अपमान की सदियों पुरानी परंपरा कायम रहेगी। भारत माता की जय, गऊ माता की जय और इस देश की हर माता की जय।’
