INDIA vs AUSTRALIA, 3RD T20I: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 टी20 इंटरनेशनल सीरीज का आखिरी मैच हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाना है। मैच को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है, लेकिन गुरुवार 22 सितंबर 2022 को टिकट खरीदने की उम्मीद में जिमखाना ग्राउंड पहुंचे हजारों क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक बुरा सपना साबित हुआ।

द हिंदू की खबर के अनुसार, टिकट खरीदने को लेकर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस कारण कई लोग घायल हो गए। इनमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस को प्रशंसकों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। इस मामले में तेलंगाना के खेल मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ ने अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन समेत हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

खेल मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ ने बताया, ‘हम जानना चाहते हैं कि कितने टिकट बिक्री के लिए थे, कितने कॉम्प्लिमेंट्री दिए गए और अन्य संबंधित विवरण। यह पूरी तरह से एचसीए की विफलता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह बहुत गलत है कि एचसीए पदाधिकारियों ने इस तरह की परेशानी के बारे में चेतावनी देने के बावजूद सुधारात्मक उपाय करने की जहमत नहीं उठाई।’

इस बीच, एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को एक टीवी चैनल यह कहते हुए देखा गया कि केवल कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने बताया है कि 20 लोग घायल हैं। इनमें से 7 को सिकंदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्रशंसकों ने घटना के लिए हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को जिम्मेदार ठहराया है। प्रशंसकों का कहना है कि दो घंटे के इंतजार के बाद भी उन्होंने (एचसीए) सिर्फ दो काउंटर्स पर 100 टिकट ही बेचे। कई प्रशंसकों ने शिकायत करते हुए कहा, ‘यह टिकट बिक्री के खराब संचालन का मामला है। एचसीए ने पता नहीं टिकटों की ऑनलाइन बिक्री क्यों नहीं की, जबकि ऑनलाइन लेनदेन हमारे लिए अधिक व्यवहारिक और आसान होता।’

उन्होंने कहा, ‘हम इस तरह के बर्ताव से बचने के लिए टिकट खरीदने के लिए यहां आए थे। हम इस पूरी गड़बड़ी के लिए एचसीए को दोषी ठहराते हैं।’ कई लोगों ने एचसीए के शीर्ष पदाधिकारियों के टिकटों की बिक्री संभालने के तरीके पर सवाल उठाया।

उनका कहना है कि पदाधिकारियों ने बताया था कि दोनों काउंटर्स पर बिक्री के लिए 3,000 टिकट उपलब्ध थे। स्पष्ट रूप से, यह एचसीए की ओर से कम्युनिकेशन गैप है। बुधवार देर शाम जारी बयान में विभिन्न वर्गों के मूल्य निर्धारण पर सटीक ब्रेक-अप नहीं दिया गया था।