शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद हाल ही में संन्यास की घोषणा करने वाले विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उनके दिमाग में विदाई मैच से वंचित रहने का दुख हमेशा रहेगा। सहवाग ने इंडिया टीवी के शो ‘‘आप की अदालत’’ में कहा ‘‘चयनकर्ताओं ने मुझसे कहा कि वे लोग मुझे टीम से बाहर करने जा रहे हैं। मैंने आग्रह किया कि मुझे दिल्ली में अंतिम टेस्ट खेलकर संन्यास की घोषणा करने दी जाये लेकिन उन्होंने मुझे अवसर नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा ‘‘मुझे खेलते हुए संन्यास लेने का मौका नहीं दिया गया, इसका दुख मेरे दिमाग में हमेशा रहेगा। हालांकि यह एक खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है जो खेलते समय कभी इस बात को महसूस नहीं करता है कि उसे कब संन्यास लेना चाहिए लेकिन जैसे ही उसे टीम से बाहर किया जाता है वह इस बारे में सोचने लगता है।’’

दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में शुमार सहवाग ने 23 टेस्ट शतक और 15 वनडे शतक लगाये। उन्होंने कहा ‘‘मैं पूछना चाहूंगा : अपने देश के लिए 12 से 13 वर्ष खेलने वाले खिलाड़ी को एक विदाई मैच नहीं मिलना चाहिए?’’

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन दिसंबर से दिल्ली में खेले जाने वाले टेस्ट मैच दौरान एक विदाई समारोह आयोजित करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा ‘‘अगर ऐसा होता है तो यह अच्छा होगा। अगर बीसीसीआई आयोजित नहीं करता है तो डीडीसीए को आयोजित करना चाहिए। यह सिर्फ मेरा प्रश्न नहीं है, हर वो खिलाड़ी जो संन्यास लेता है उसे विदाई मिलनी चाहिए।’’

पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि खिलाड़ियों के चयन के लिए एक तय मापदंड होना चाहिए चाहे वो सीनियर हो या जूनियर। उन्होंने कहा ‘‘अगर एक खिलाड़ी लगातार चार या मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहता है तो उसे इस बात का ख्याल किये बिना बाहर किया जाना चाहिए कि वह सीनियर है या जूनियर।’’

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