देवेंद्र पांडे। विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से कहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते हैं, लेकिन शीर्ष अधिकारियों ने उनसे इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, उन्होंने अपना मन बना लिया है और बोर्ड को सूचित कर दिया है कि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं। बीसीसीआई ने उनसे इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है, क्योंकि इंग्लैंड का महत्वपूर्ण दौरा आने वाला है। उन्होंने अब तक इस अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया है।
विराट कोहली का यह फैसला कुछ दिन पहले रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद आया है। बीसीसीआई की सीनियर सिलेक्शन कमेटी के सदस्य अगले महीने इंग्लैंड में होने वाली पांच टेस्ट मैच की सीरीज को लेकर टीम चुनने के लिए कुछ दिनों में बैठक करने वाले हैं। पता चला है कि विराट कोहली इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बाद से ही अपने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर विचार कर रहे हैं। विराट कोहली ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में शतक लगाया था लेकिन उसके बाद वह अन्य चारों टेस्ट में खराब फार्म से जूझते रहे। अगर विराट कोहली अपना विचार नहीं बदलते हैं और रोहित शर्मा भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में भारत के पास काफी हद तक अनुभवहीन मध्यक्रम होगा।
रोहित-कोहली के बिना खेलेगी टेस्ट टीम
इसका मतलब टीम दो अनुभवी खिलाड़ियों (विराट कोहली और रोहित शर्मा) के मार्गदर्शन के बिना रह जाएगी। इन दोनों ने अब तक लगभग 11 वर्षों तक टेस्ट टीम का नेतृत्व किया है। विराट कोहली दिसंबर 2014 में भारत के टेस्ट कप्तान बने और उसके बाद रोहित फरवरी 2022 में कप्तान बने।
टीम को युवा कप्तान की तलाश और रोहित का संन्यास
इस हफ्ते की शुरुआत में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने बताया था कि चयनकर्ता नए टेस्ट चक्र के लिए किसी युवा खिलाड़ी को कप्तान बनाने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। सूत्रों के मुताबिक, शुभमन गिल रोहित की जगह टेस्ट कप्तान बनने के लिए सबसे मजबूत दावेदार है।
कोहली का टेस्ट करियर
36 साल के विराट कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं और 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं। हालांकि, पिछले पांच सालों में उनका प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा। उन्होंने 37 मैचों में 1,990 रन बनाए, जिसमें सिर्फ तीन शतक शामिल हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका प्रदर्शन और खराब रहा, जहां पांच टेस्ट में उनकी औसत केवल 23.75 रही। इस दौरे पर आठ बार आउट होने में सात बार वे ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर आउट हुए।
ऑस्ट्रेलिया दौरे की निराशा
मार्च में अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के एक कार्यक्रम में कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे की निराशा के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “शायद चार साल बाद मेरे पास ऑस्ट्रेलिया दौरा दोबारा न हो।” उन्होंने टेस्ट में हाल की नाकामियों के मानसिक दबाव के बारे में भी बताया। कोहली ने कहा, “जब आप बाहर से निराशा और नकारात्मक ऊर्जा लेने लगते हैं, तो आप खुद पर बोझ बढ़ा लेते हैं। फिर आप सोचने लगते हैं कि ‘इस दौरे पर मेरे पास दो-तीन दिन बचे हैं, मुझे अब कुछ बड़ा करना है।’ इससे आप और ज्यादा बेताब हो जाते हैं। मैंने ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा महसूस किया।”
.