नितीश कुमार रेड्डी ने 21 साल की उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट में कदम रख लिया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच में उनका प्रदर्शन भी प्रभावशाली रहा। नितीश ने दोनों पारियों में कुल 79 रन बनाये और एक विकेट भी लिया। दोनों पारियों में वह बल्लेबाजी के लिए 8वें नंबर पर उतरे थे। नितीश कुमार रेड्डी दिग्गज भारतीय विराट कोहली के जबरा फैन हैं। नितीश कुमार रेड्डी की सफलता की कहानी भी विराट कोहली के बिना अधूरी है। विशाखापत्तनम के इस उभरते हुए क्रिकेटर का सफर कई महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

कोहली के हाथों ही मिली नितीश को टेस्ट कैप

22 नवंबर, 2024 को एक बड़ा मील का पत्थर तब आया, जब विराट कोहली ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान नितीश को उनकी टेस्ट कैप सौंपी। नितीश के पिता मुत्याला रेड्डी को बेटे की उपलब्धियों पर बहुत गर्व है। डेक्कन क्रॉनिकल ने मुत्याला रेड्डी के हवाले से लिखा, ‘लोग अब मुझे मेरे नाम से नहीं, बल्कि नितीश रेड्डी के पिता के रूप में पहचानते हैं।’ उन्होंने नितीश के बचपन के एक महत्वपूर्ण पल को याद किया।

5 साल पहले कोहली से नहीं मिल पाये थे

नितीश जब 16 साल के थे तब अपने आदर्श कोहली से मिलने के लिए बीसीसीआई पुरस्कार समारोह में पहुंचे थे। हालांकि, वहां वह कोहली से नहीं मिल पाये, लेकिन उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ सेल्फी लेने में सफल रहे। इस घटना को नितीश ने जब दोस्तों के साथ साझा किया तो उन्होंने बहुत चिढ़ाया। नितीश ने कोहली से नहीं मिल पाने की उस घटना को अपनी विफलता नहीं, बल्कि एक चुनौती के रूप में लिया। यह दृढ़ संकल्प लिया कि भले ही अभी वह विराट कोहली से नहीं मिल पाये हों, लेकिन एक दिन अपने हीरो के साथ मैदान साझा करेंगे।

कोहली से न मिलना नितीश के लिए वरदान बना: मुत्याला

मुत्याला ने बताया, ‘अब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि उस दिन कोहली से न मिलना एक वरदान था। अगर उस समय वह कोहली के साथ तस्वीर ले लेता तो शायद उसमें उत्कृष्टता हासिल करने की इच्छा इतनी प्रबल नहीं होती।’ जिम्बाब्वे दौरे से पहले कंधे की चोट और कोहली के टी20 से संन्यास लेने समेत और कई असफलताओं के बावजूद नितीश की दृढ़ संकल्प आखिरकार साकार हुआ। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में भारतीय प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनना, उनके ‘सपने’ को साकार कर गया।

सफर की कहना बयां करते हैं नितीश के टैटू

उनके पिता ने बताया, ‘नितीश के टैटू उनके सफर की कहानी बयां करते हैं। हर टैटू एक महत्वपूर्ण व्यक्तिगत याद को दर्शाता है। उनकी बहन की जन्मतिथि, पारिवारिक भावनाएं और उनकी क्रिकेट उपलब्धियों के मील के पत्थर, ये सब उनकी त्वचा पर उकेरे गए हैं।’ नितीश का क्रिकेट करियर छह साल की उम्र में गजुवाका के हिंदुस्तान जिंक ग्राउंड में शुरू हुआ। जहां उनके पहले कोच गांधी ने उनकी क्षमता को पहचाना। अंडर-16 के वर्षों के दौरान उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई, जिससे बीसीसीआई का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ।

बेटे की सफलता के लिए पिता ने छोड़ दी नौकरी

सफलता की राह पर आगे बढ़ने के लिए नितीश के परिवार को कई त्याग भी करने पड़े। मुत्याला रेड्डी ने बेटे की क्रिकेट आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ट्रांसफर के बाद नौकरी छोड़ दी, जबकि उनकी मां मानसा परिवार की रीढ़ बन गईं और वित्तीय और घरेलू कामों को संभालती रहीं। नितीश की मां मानसा ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैं हमेशा चाहती थी कि वह पढ़ाई में अव्वल आए, लेकिन अभ्यास सत्र के बाद वह अपना होमवर्क पूरा करने से पहले ही सो जाता था। आज, हम खुशी के आंसू बहा रहे हैं, यह जानकर कि उसके सपने सच हो गए हैं।’

वर्तमान में, नितीश ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। उन्हें आईपीएल के लिए सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने 6 करोड़ में रिटेन किया है, जिससे क्रिकेट के उभरते सितारों में उनकी जगह पक्की हो गई है।