भारत के दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली ने सोमवार (12 मई को) टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 14 साल और 123 टेस्ट मैचों के करियर वाले इस खिलाड़ी की गिनती इस प्रारूप में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होगी। 210 पारियों में 9230 रनों के साथ कोहली सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारत के चौथे बल्लेबाज हैं। वह सचिन तेंदुलकर (15,921), राहुल द्रविड़ (13,265) और सुनील गावस्कर (10,122) से पीछे रहे।

विराट कोहली टेस्ट इतिहास में एकमात्र क्रिकेटर है, जिन्होंने अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के रिकॉर्ड को 15 बार तोड़ा। कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते, 17 हारे और 11 मैच ड्रॉ रहे। जून 2011 में टेस्ट डेब्यू करने वाले विराट कोहली ने पहली बार इस फॉर्मेट में 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सुर्खियां बंटोरी थीं।

एक नजर डालते हैं विराट कोहली के टेस्ट करियर के प्रमुख पलों पर

टेस्ट डेब्यू

पहला वनडे विश्व कप जीतने के बाद कोहली ने 20 जून को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। कैप नंबर 269 उन्हें मिली और वेस्टइंडीज दौरे पर तीन टेस्ट में उन्होंने 76 रन बनाये।

सिडनी में प्रशंसक से भिड़ना

कोहली आस्ट्रेलिया के 2011 के दौरे पर सुर्खियों में रहे जब टीम के खराब प्रदर्शन के बीच वह एक प्रशंसक से भिड़ गए। उस समय आस्ट्रेलिया ने भारत को 4-0 से हराया और ग्रेग चैपल ने कहा था,‘‘ भारतीय टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं रखते ।’’आस्ट्रेलिया के दर्शकों के बर्ताव से अनभिज्ञ कोहली ने एक प्रशंसक की छींटाकशी का उसी अंदाज में जवाब दिया तो मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ा।

आस्ट्रेलिया में पहला शतक

भारतीय टेस्ट बल्लेबाजी के स्वर्णिम दौर के समापन के बाद कोहली ने जनवरी 2012 में एडीलेड में पहला टेस्ट शतक जमाकर उज्जवल भविष्य के संकेत दिये।

साउथ अफ्रीका में शानदार प्रदर्शन

भारतीय टीम 2013 में साउथ अफ्रीका में दो टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से हार गई, लेकिन जोहानिसबर्ग में कोहली ने 119 और 96 रन बनाये।

ये हैं विराट कोहली के टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियां

इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन

इंग्लैंड में 2014 में पांच टेस्ट में सिर्फ 134 रन बनाने वाले कोहली बुरी तरह नाकाम रहे । वह जेम्स एंडरसन की स्विंग और सीम का सामना नहीं कर पाये। वनडे प्रारूप में खुद को साबित कर चुके कोहली के लिये यह करारा झटका था।

आस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन

भारतीय टीम के 2014-15 के आस्ट्रेलिया दौरे पर पहले से अधिक अनुशासित कोहली ने एडीलेड में 115 और 141 रन बनाये। उन्होंने दौरे पर चार शतक और दो अर्धशतकों के साथ 86.50 की औसत से 692 रन बनाये।

कप्तान कोहली

शुरुआत खराब रही और श्रीलंका ने पहले टेस्ट में भारत को 63 रन से हराया लेकिन भारत ने दूसरा टेस्ट 278 रन से जीतकर तीन मैचों की श्रृंखला भी अपने नाम की।

इंग्लैंड के खिलाफ दोहरा शतक

कोहली ने मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट कैरियर के छह दोहरे शतकों में से पहला जड़ा और 235 रन बनाये । भारत ने इंग्लैंड को 4-0 से मात दी।

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स्टीव स्मिथ की आस्ट्रेलियाई टीम से टक्कर

पुणे में कोहली चल नहीं सके और भारत 333 रन से हार गया । भारत ने श्रृंखला 3 .1 से जीती लेकिन बतौर बल्लेबाज कोहली तीन टेस्ट में 46 रन ही बना सके । कोहली ने यह भी दावा किया कि आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से उनकी दोस्ती नहीं रही।

इंग्लैंड में 2018 में वापसी

सभी की नजरें कोहली पर थी जिन्होंने पांच टेस्ट में 593 रन बनाये । इसमें बर्मिंघम में पहले टेस्ट में 149 रन की पारी शामिल है ।

सर्वोच्च टेस्ट स्कोर

पुणे में 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 254 रन की पारी।

आस्ट्रेलिया में रचा इतिहास

कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम करीब सात दशक में आस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी ।

केपटाउन में स्टंप माइक से बात

साउथ अफ्रीका के डीन एल्गर के खिलाफ पगबाधा की अपील खारिज होने से खफा कोहली स्टम्प माइक के पास जाकर बोले ,‘ अपनी टीम पर भी फोकस करो जब वे गेंद को चमकाते हैं, सिर्फ विरोधी टीम पर नहीं ।’ उनका इशारा ‘सैंडपेपरगेट’ प्रकरण पर था।

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पर्थ का शतक

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में खराब प्रदर्शन के बाद कोहली ने आस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ टेस्ट में नाबाद 100 रन बनाये । लेकिन इसके बाद चल नहीं सके । बार बार स्लिप में आउट होना और पदार्पण करने वाले सैम कोंस्टास से कंधे टकराने वाले प्रकरण पर उनकी काफी आलोचना हुई ।