ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने विराट कोहली को असाधारण कप्तान करार दिया। उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफो में लिखे अपने कॉलम में इयान चैपल ने कोहली और जो रूट की कप्तानी शैली में अंतर का जिक्र किया। जो रूट इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान हैं।

इयान चैपल ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली की तारीफ करते हुए सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की विरासत आगे बढ़ाने वाला बताया। वहीं, जो रूट को अच्छा बल्लेबाज, लेकिन कमजोर कप्तान बताया। इयान चैपल के मुातबिक, विराट कोहली ने भारतीय टीम को उच्च स्तर पर पहुंचाया।

इयान चैपल ने अपने कॉलम में लिखा, ‘यह दो क्रिकेट कप्तानों की कहानी है। एक अपने काम में बहुत अच्छा तो दूसरा असफल रहा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोहली कप्तान के रूप में एक अपवाद थे। उन्होंने अपने उत्साह पर अंकुश नहीं लगाया, लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम को उच्च स्तर तक ले जाने में सक्षम थे।’

इयान चैपल ने अप्रत्यक्ष रूप से अजिंक्य रहाणे की भी तारीफ की। उन्होंने लिखा, ‘विराट कोहली ने उप कप्तान अजिंक्य रहाणे के रूप में अच्छे सहयोगी की मदद से भारत को विदेश में सफलता दिलाई।। ऐसा किसी अन्य कप्तान ने नहीं किया।’ चैपल ने कहा कि कोहली ने किस तरह से भारत के दो सफल कप्तानों सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की विरासत को आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा, ‘कोहली को सौरव गांगुली और धोनी से जो विरासत मिली थी, उसे उन्होंने सात वर्षों में काफी हद तक आगे बढ़ाया। कप्तान के रूप में उनकी सबसे बड़ी निराशा दक्षिण अफ्रीका से हाल में मिली हार रही, जिसमें भारत 1-0 से आगे था। हालांकि उन्होंने केपटाउन में दूसरे टेस्ट में कप्तानी नहीं की थी।’

इयान चैपल ने टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के कोहली के जुनून का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘कोहली की सबसे बड़ी उपलब्धि अपनी टीम में टेस्ट क्रिकेट के प्रति ललक पैदा करना था। अपनी व्यापक सफलता के बावजूद कोहली का प्रमुख लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में जीत हासिल करना था। यहीं से उनका जुनून वास्तव में चमक उठा।’

इयान चैपल हालांकि, जो रूट के मामले में वैसे ही निष्ठुर थे, जैसे ब्रिटिश क्रिकेटर का आकलन करने में कोई ऑस्ट्रेलियाई हो सकता है। चैपल ने रूट का आकलन करते हुए लिखा, ‘किसी भी अन्य कप्तान की तुलना में सर्वाधिक मैचों में अपने देश की अगुआई करने के बावजूद कप्तानी में असफलता का नाम जो रूट है। यह मायने नहीं रखता कि रूट या इंग्लैंड का अन्य कोई धुर प्रशंसक आपसे क्या कहता है। रूट अच्छे बल्लेबाज हैं, लेकिन कमजोर कप्तान हैं।’