To Commit Suicide After Bed-Ridden For 3 Years: भारतीय बॉस्केटबॉल टीम (Indian Basketball Team) के पूर्व कप्तान जगदीप सिंह बैंस (Jagdeep Singh Bains) पीठ की चोट के कारण तीन साल तक बिस्तर (Bed) पर पड़े रहे थे। जगदीप सिंह बैंस करियर के लिए खतरा बनी इस चोट से इतना परेशान हो गए थे कि उनके मन में जीवन खत्म करने (आत्महत्या) का विचार भी आया था। चीन (China) में 2012 में ‘थ्री ऑन थ्री’ टूर्नामेंट के दौरान वह दर्द के कारण अचानक कोर्ट पर गिर पड़े थे।
जगदीप सिंह बैंस को ‘स्लिप डिस्क’ के कारण तीन साल बिस्तर पर गुजारने पड़े थे। साल 2016 में उन्होंने सर्जरी कराई। अब 37 साल का यह खिलाड़ी नई एलीट प्रो बास्केटबॉल लीग (Basketball League) में मुंबई स्टार्स (Mumbai Stars) के लिए खेलने के लिए तैयार है।
जगदीप सिंह बैंस ने गुरुवार 13 जनवरी 2023 को पीटीआई से कहा, ‘मेरी जिंदगी का वह सबसे खराब दौर था, मैं हिलडुल भी नहीं सकता था। दर्द असहनीय था। मैं इतना परेशान हो गया था कि मैं अपनी जिंदगी खत्म करना चाहता था क्योंकि मैं इस तरह नहीं रहना चाहता था।’
राजस्थान (Rajasthan) के श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) के रहने वाले जगदीप सिंह बैंस (Jagdeep Singh Bains) ने बताया, ‘मेरी तभी शादी हुई थी और मेरी पत्नी मेरे लिए मजबूत बनी रहीं। पत्नी के कारण ही मैंने आत्महत्या का विचार त्याग दिया। आज मैं उसी के कारण जिंदा हूं।’
सर्जरी के 3 महीने बाद ही कर ली थी कोर्ट पर वापसी
जगदीप सिंह ने सर्जरी के तीन महीने बाद ही कोर्ट पर वापसी की थी और यूबीए लीग के पहले सत्र में खेले थे। जगदीप सिंह ने ‘इस संकट से उबरने में उन्होंने (यूबीए लीग) मेरी काफी मदद की। मुझे मानसिक और आर्थिक मदद मुहैया कराई। मैं उनका शुक्रगुजार हूं।’
संकट के समय राष्ट्रीय बॉस्केटबॉल महासंघ ने नहीं दिया साथ: जगदीप सिंह बैंस
जगदीप सिंह बैंस की मानें तो संकट के उस दौर में राष्ट्रीय बॉस्केटबॉल महासंघ ने उनकी कोई सुध नहीं ली। जगदीप सिंह महासंघ की अनदेखी को कभी नहीं भुला पाएंगे। जगदीप सिंह बैंस एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और कई एशियाई चैंपियनशिप समेत 20 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
चोट लगने के बाद समय पर किसी से नहीं मिली सलाह
जगदीप सिंह बैंस ने स्वीकार किया कि चोट लगने के बाद समय पर सलाह मिलती तो उन्हें तेजी से ठीक होने में मदद मिल सकती थी। जगदीप ने कहा, ‘अगर किसी ने मुझे चोट को गंभीरता से लेने की सलाह दी होती तो मैं अपने जीवन के चार साल नहीं गंवाता और जिस खेल को मैं प्यार करता था उसे और भी बहुत कुछ दे सकता था।’ जगदीप सिंह बैंस ने 2002 में बॉस्केटबॉल खेलना शुरू किया था और महज 19 साल की उम्र में सीनियर टीम में जगह बना ली थी।